वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसा के बाद तनावपूर्ण शांति है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा.
वकील जैन ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति मांगी है. उन्होंने जस्टिस बीआर गवई की अगुआई वाली पीठ के समक्ष कहा कि उनकी याचिका मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. ऐसे में वो कुछ अतिरिक्त दस्तावेज संलग्न करना चाहते हैं. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को परमादेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है.
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. वकील जैन ने याचिका को मेंशन करते हुए जस्टिस गवई की बेंच से कहा कि राज्य में मौजूदा हिंसा को देखते हुए अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है. विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले पर पहले से बंगाल में पोस्ट पोल हिंसा की मेरी याचिका लंबित है, जिस पर कोर्ट 2022 में नोटिस जारी कर चुका है. यह मामला कल (22 अप्रैल) सुनवाई के लिए लिस्टेड है. इसी मामले में हमने मौजूदा बंगाल में हुई हिंसा को लेकर एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें अर्धसैनिक बलों की तैनाती, तीन रिटायर जजों की निगरानी में जांच कराने की मांग की है. साथ ही राज्यपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी जाए.
इस हिंसा में हिन्दुओं के पलायन की जानकारी मुहैया कराई जाए. जस्टिस बीआर गवई ने कहा, आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है. हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं.
विष्णु शंकर जैन की याचिका में क्या मांग की गई...
1. हिंसा की गहन जांच के लिए तीन रिटायर्ड जजों की अगुआई में जांच कमेटी बनाई जाए.
2. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पश्चिम बंगाल भेजी जाए.
3. राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती हो.
4. अनुच्छेद 355 के तहत राज्यपाल से राज्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी जाए.
5. हिंसा के बाद भय से असम पलायन कर गए हिंदू परिवारों के बारे में रिपोर्ट ली जाए.