क्या क्रिकेट मैच फिक्सिंग, चीटिंग और फ्रॉड के दायरे में आता है या नहीं, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मुद्दे का अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ता है. इसके वित्तीय प्रभाव हैं. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता में बनी बेंच ने इस मुद्दे की गंभीरता पर सवाल उठाए और सरकार से खेल कानून विशेषज्ञों की मदद लेने का आग्रह किया.
सट्टेबाजी को सभ्य तरीका नहीं मानता कोर्ट
इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए, जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा कि सट्टेबाजी का यह तरीका एक सभ्य तरीका नहीं लगता. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि क्रिकेट मैच फिक्सिंग एक सिंपल चीटिंग है या इससे और भी कुछ गंभीर है?
सरकार से कोर्ट ने मांगी विशेषज्ञ सहायता
इस मसले पर सरकार किसी खेल कानून के अच्छे जानकार के जरिए हमारी सहायता क्यों नहीं करती? जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से पूछा कि आपने इस मामले में जवाब क्यों नहीं दिया?
ASG नटराजन का जवाब
ASG नटराजन ने जवाब देते हुए कहा कि स्पोर्ट्स बेटिंग बहुत गंभीर है. क्रिकेट मैच फिक्सिंग देश की छवि को भी प्रभावित करती है.
सट्टेबाजी से बर्बाद हुआ एक परिवार
जस्टिस सूर्यकांत ने दोबारा टिप्पणी करते हुए कहा कि हाल ही में हमारे पास एक अच्छे परिवार के एक व्यक्ति का मामला था. उसे इस खेल की सट्टेबाजी ने आकर्षित किया. अब उसने अपना सब कुछ खो दिया है. अब वह जेल में है. उसके परिवार ने सब कुछ खो दिया है.
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सरकार को चार हफ्ते की मोहलत
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत मांगी है.
एमिकस क्यूरी की नियुक्ति
फिलहाल इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, हम इसमें अदालत की सहायता के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त कर रहे हैं. रजिस्ट्री एमिकस को सभी दस्तावेज मुहैया कराएगी.