सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी कर मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री और बीजेपी नेता विजय शाह बुरे फंसते नजर आ रहे हैं. मंत्री विजय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख तय की है. 19 मई को सुनवाई करने का फैसला लिया गया है. विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि वे उन्हें अपनी याचिका के साथ कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मोहलत दे दी.
क्या है मामला?
बीजेपी नेता विजय शाह पर महू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक और विवादित बयान देने का आरोप है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में विजय शाह को टिप्पणी करते हुए कहा कि 'आप जिस संवैधानिक पद पर हैं, आपने जिस पद की शपथ ली है, उस शपथ की गरिमा का आपको ध्यान रखना चाहिए तो मोल के बोलना चाहिए.' इससे पूर्व, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशानुसार विजय शाह के ऊपर FIR दर्ज हुई थी, जिसे रद्द करवाने और माफ़ी दिए जाने की उन्होंने गुहार लगाई है, परन्तु दो दिन की सुनवाई के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.
मंत्री विजय शाह की बयान पर माफी, कहा- भावनाएं गलत समझी गईं
विजय शाह ने महू में दिए अपने एक बयान पर, जिससे विवाद हुआ, क्षमा मांगी है. उन्होंने कहा, 'अगर उनको या किसी को भी मेरे उन बातों से कुछ दुख हुआ तो मैं 10 बार क्षमा मांगता हूं'. शाह ने स्पष्ट किया कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया, सोफिया बहन और मिलिट्री के अपमान का वह सोच भी नहीं सकते, और उनका संदर्भ आतंकवादियों द्वारा हिंदू महिलाओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा करना था; इस पर कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की है.
मंत्री के बाद डिप्टी सीएम का विवादित बयान
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने एक विवादित बयान में कहा कि 'पूरा देश देश की वो सेना, वो सैनिक उनके (प्रधानमंत्री मोदी) चरणों में नतमस्तक है'. इन घटनाओं पर कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर सेना के अपमान का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया है और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विजय शाह मामले में न्यायिक प्रक्रिया का पालन करने की बात कही है.