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'वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला...', PAK संग सीजफायर पर जेडी वेंस से बोले पीएम मोदी

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जेडी वेंस ने फोन करके पीएम मोदी से बात की. प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम और मजबूती से उसका जवाब देंगे. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी नहीं करता, तो वह भी संयम बरतेगा.

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PTI)
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ तनाव कम करने के समझौते पर चर्चा के दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से कहा कि अगर पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया, तो भारत कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगा. यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने रविवार को दी.

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वेंस की प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ भी बात हुई, और फिर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भी चर्चा की गई. हालांकि, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर से कहा कि उनकी कॉल का उद्देश्य किसी 'विकल्प निकासी' (off-ramp) पर चर्चा करना नहीं था.

'PAK ने हमला किया तो मजबूती से जवाब देंगे'
 
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जेडी वेंस ने फोन करके पीएम मोदी से बात की. प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम और मजबूती से उसका जवाब देंगे. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी नहीं करता, तो वह भी संयम बरतेगा.

भारत ने अपनी शर्तों पर किया सीजफायर

भारत ने अपनी शर्तों पर पाकिस्तान के साथ सीजफायर किया है और साफ कर दिया है कि उकसावे की किसी कार्रवाई का उसी की जुबान में जवाब दिया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दोनों देशों के बीच सीजफायर होने पर खुशी जाहिर की है. 

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेतत्व से बातचीत की. इसके बाद भारत अपनी शर्तों पर पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने को राजी हुआ है.

कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता को तैयार पाकिस्तान

उधर, पाकिस्तान ने रविवार को कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑफर का स्वागत किया है. इस्लामाबाद ने इसे एक लंबा विवाद बताया, जिसका दक्षिण एशिया और उससे आगे शांति और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. 

हालांकि भारत कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार न करने के अपने पुराने रुख पर कायम है. भारत का साफ तौर पर मानना है कि यह दो देशों के बीच का मुद्दा है और इस मसले पर किसी भी तीसरे की दखल मंजूर नहीं है.

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