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'अल्लाह-हू-अकबर बोलना स्वाभाविक', जिपलाइन ऑपरेटर से NIA की पूछताछ, मिलीभगत का शक नहीं

एनआईए ज़िपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से पूछताछ कर रही है क्योंकि गुजरात के पर्यटक ऋषि भट्ट ने वीडियो बनाकर उसके 'अल्लाह-हू-अकबर' कहने पर शक जताया था. अधिकारियों के अनुसार, घबराहट में ऐसा कहना स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है, जैसे हिन्दू 'हे राम' कहते हैं. शुरुआती पूछ्ताछ में मुज़म्मिल के सीधे तौर पर शामिल होने को कोई सबूत साक्ष्य नहीं मिले हैं.

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पहलगाम हमले मामले में एनआईए ज़िपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से पूछताछ कर रही (फोटो क्रेडिट- वीडियो ग्रैब)
पहलगाम हमले मामले में एनआईए ज़िपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से पूछताछ कर रही (फोटो क्रेडिट- वीडियो ग्रैब)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के वायरल वीडियो में दिखे जिपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से NIA पूछताछ कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अमुसार, मुजम्मिल और आतंकियों के मिलीभगत को लेकर अभी कुछ पुख्ता सबूत नहीं मिला है. चश्मदीद पर्यटक ऋषि भट्ट ने ऑपरेटर पर हमले के वक्त 'अल्लाह-हू-अकबर' बोलने का आरोप लगाया, जबकि मुजम्मिल के भाई मुख्तार ने आजतक को बताया कि वह डरा हुआ था. NIA को हमले में 3 आतंकियों के शामिल होने और गोली मारने से पहले पीड़ितों की पहचान पूछने के सुराग मिले हैं.

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NIA की जिपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से पूछताछ

एनआईए अधिकारी मंगलवार को जिपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल से पूछताछ कर रही है. सुरक्षा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने बताया है कि 'अल्लाह-हू-अकबर' बोलना एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. जैसे हिंदुओं में है राम बोला जाता है कई दफा घबराहट में और अचानक कुछ सामने हो तो. एनआईए को फिलहाल मुजम्मिल का इस आतंकी हमले में सीधा कोई भी इन्वॉलमेंट नहीं लग रहा है. 

हालांकि, मुजम्मिल ने गोली चलने के बाद जिप से ऋषि भट्ट को क्यों छोड़ा इस सवाल पर अलग-अलग बयान दे रहा है. 

जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल के भाई से आजतक ने की बातचीत

जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल के भाई मुख्तार से आजतक संवाददाता अरविंद ओझा ने बातचीत की है. मुख्तार ने आजतक को बताया, 'हमले के बाद उसका भाई जब घर आया तो बहुत घबराया हुआ था. उसे दिल से जुड़ी बीमारी है, इसलिए डर की वजह से कुछ बोल भी नहीं सका. उसके भाई से पहले भी 23 अप्रैल को पूछताछ की गई थी और फिर छोड़ दिया गया था. हालांकि, पर्यटक ऋषि भट्ट के बयान के बाद उससे एनआईए दोबारा पूछताछ कर रही है'.

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पीडीपी प्रवक्ता ने जिपलाइन ऑपरेटर के नारे को लेकर क्या कहा?

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए PDP प्रवक्ता मोहम्मद इकबाल ट्रंबू ने कहा, 'यह लोग हमारे संस्कृति के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं. जब भी कोई आपदा होती है तो हर कश्मीरी अल्लाह-हू-अकबर बोलते हैं. हमले के समय हम लोग अल्लाह को याद कर रहे थे. यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि असफलता को छूपाया जा सके. पुलिस और सुरक्षाबलों को अपना सिस्टम बदलने की जरूरत है. इसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है'.

पहलगाम मामले में क्या है ताजा अपडेट?

पहलगाम हमले के सात दिन बाद, पाकिस्तान ने भारतीय एयरस्ट्राइक के डर से अपने रडार सिस्टम सियालकोट सेक्टर में तैनात कर दिए हैं. पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लेकर एलओसी तक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की तैयारी भी शुरू कर दी है और उसके लड़ाकू विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं. पाकिस्तान वायुसेना ने 'फज़ायबद्र' और 'ललकारी' नाम से दो युद्धाभ्यास भी शुरू किए हैं, जिनमें चीन से मिले जे-10सी लड़ाकू विमान शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: 50 लाख रुपये, शिक्षा और नौकरी... महाराष्ट्र सरकार करेगी पहलगाम पीड़ितों के परिवारों की मदद

पहलगाम के बाद पूरी दुनिया ने पाकिस्तान का विरोध किया है, यहां तक कि मुस्लिम देशों और ब्रिटेन में वोहरा समुदाय ने भी पाकिस्तान की निंदा की. अमेरिका, रूस और चीन ने भारत-पाकिस्तान मामले में हस्तक्षेप से मना कर दिया है, और अमेरिका ने पाकिस्तान को परमाणु धमकी के बाद ज़िम्मेदारी से विवाद निपटाने की सलाह दी है. लंदन और टोरंटो सहित दुनिया भर में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसे भारत की कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है.

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पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा के पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो होने का शक है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की उपप्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार का पर्दाफाश करते हुए मंत्री ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे का हवाला दिया. ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में यह माना कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंड देता रहा है.

भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान में पानी के संकट की आशंका बढ़ गई है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की 90% खेती जो है वो इन्हीं नदियों के पानी पर निर्भर है और पानी रुकने से बिजली उत्पादन में भी 30% तक की कमी आ सकती है. भारत सिंधु, चिनाब और झेलम जैसी पश्चिमी नदियों पर बांध बनाकर और पानी रोककर व मोड़कर अपनी पूर्वी नदियों रावी, व्यास और सतलुज के साथ जल प्रबंधन को मजबूत कर सकता है.

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