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Padma Awards Announced: पद्म पुरस्कारों का ऐलान, ताइवान की फॉक्सकॉन कंपनी के चेयरमैन यंग लिउ को पद्मभूषण

केंद्र सरकार ने जिन हस्तियों को पद्मभूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया है. उनमें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी (मरणोपरांत) भी शामिल हैं. बता दें कि पद्म पुरस्कारों के लिए केंद्र सरकार ने कुल 132 हस्तियों की लिस्ट जारी की है. विजेताओं में भारत की पहली महिला महावत पारबती बरुआ का नाम भी शामिल है.

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सरकार ने आज पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया
सरकार ने आज पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया

गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया. इस साल पांच को पद्मविभूषण, 17 को पद्मभूषण और 110 को पद्मश्री सम्मान देने का ऐलान किया गया है. सरकार इस बार ताइवान स्थित फॉक्सकॉन के अध्यक्ष यंग लियू को पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजेगी.

वेंकैया नायडू और अभिनेता चिरंजीवी को पद्मविभूषण
पद्म पुरस्कारों के ऐलान में पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और अभिनेता चिरंजीवी को पद्मविभूषण दिया जाएगा. वहीं अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को पद्मभूषण देने का ऐलान किया गया है. केंद्र सरकार ने जिन पांच हस्तियों को पद्मविभूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया है. उनमें पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अलावा हिंदी फिल्म जगत की दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला, प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम, चिरंजीवी और बिंदेश्वर पाठक (मरणोपरांत) शामिल हैं.

केंद्र सरकार ने जिन हस्तियों को पद्मभूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया है. उनमें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी (मरणोपरांत) भी शामिल हैं. बता दें कि पद्म पुरस्कारों के लिए केंद्र सरकार ने कुल 132 हस्तियों की लिस्ट जारी की है. विजेताओं में भारत की पहली महिला महावत पारबती बरुआ का नाम भी शामिल है.

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कौन हैं पार्वती बरुआ?
असम के गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था. खासतौर पर हाथि‍यों से. हाथियों को नियंत्रित करने वाले महावतों में आमतौर पर पुरुष देखे जाते हैं लेकिन पार्वती बरुआ तमाम रूढ़िवादी विचारों को पीछे छोड़ते हुए देश पहली महिला महावत बनीं. वैज्ञानिक तरीकों को अपनाते हुए उन्होंने मानव-हाथी संघर्ष को कम करने की दिशा में डटकर काम किया. 

उन्होंने जंगली हाथियों से निपटने और उन्हें पकड़ने के लिए 3 राज्य सरकारों की सहायता की. 67 वर्षीय पार्वती बरुआ एक एक संपन्न पृष्ठभूमि से आती हैं, इसके बावजूद उन्होंने एक साधारण जीवन जीना चुना और हाथियों की की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. पार्वती ने 14 साल की उम्र में महावत के गुर सीखना शुरू कर दिया था. पार्वती को महावत बनने की कला अपने पिता से मिली थी.

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