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'BJP लगातार चुनाव जीत रही, क्योंकि विपक्ष नाकाम...', ओवैसी का तीखा हमला

ओवैसी ने ये भी कहा कि हर बार उन्हें भाजपा की 'बी-टीम' कह देना विपक्ष की एक पुरानी आदत बन गई है, जबकि असल में ये उनकी पार्टी AIMIM के प्रति नफरत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि अगर मैं सिर्फ हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज जैसी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ूं और भाजपा 240 सीटें जीत जाए, तो इसमें मेरा क्या दोष?

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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (फोटो- PTI)
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (फोटो- PTI)

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को एक बार फिर विपक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में लगातार चुनाव जीत रही है, क्योंकि उसने हिंदू वोटों को एकजुट कर लिया है और विपक्ष पूरी तरह से 'नाकाम' साबित हो रहा है.

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ओवैसी ने ये भी कहा कि हर बार उन्हें भाजपा की 'बी-टीम' कह देना विपक्ष की एक पुरानी आदत बन गई है, जबकि असल में ये उनकी पार्टी AIMIM के प्रति नफरत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि अगर मैं सिर्फ हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज जैसी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ूं और भाजपा 240 सीटें जीत जाए, तो इसमें मेरा क्या दोष?

बता दें कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल लंबे समय से ओवैसी पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी पार्टी AIMIM मुसलमानों के वोट काटकर भाजपा को फायदा पहुंचाती है. इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां मुस्लिम वोटों को सिर्फ अपना हक समझती हैं, लेकिन उनके असली मुद्दों पर ध्यान नहीं देतीं.

ओवैसी ने कहा कि जब हर वर्ग को अपनी राजनीतिक आवाज और नेतृत्व मिल सकता है, तो आप मुसलमानों को राजनीतिक नेतृत्व क्यों नहीं देना चाहते? उन्होंने कहा कि यादव नेता बन सकता है, ऊंची जातियों के लोग नेता बन सकते हैं, लेकिन मुसलमान नहीं? क्या ये सही है? ओवैसी ने ये भी कहा कि वे सिर्फ कांग्रेस पर नहीं, बल्कि भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसी तमाम पार्टियों की मानसिकता की आलोचना कर रहे हैं.

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समाचार एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि देश की आबादी का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा मुसलमान है, लेकिन संसद और विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व महज 4 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि अगर भारत को 2047 तक 'विकसित भारत' बनाना है तो इतनी बड़ी आबादी को कमजोर और हाशिये पर रखकर यह संभव नहीं है. राजनीतिक दलों को मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझना बंद करना होगा. उन्हें शिक्षा, रोजगार और सम्मान मिलना चाहिए. हमारी लड़ाई है कि हम सिर्फ वोटर न रहें, बल्कि सच्चे नागरिक बनें.

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