मोहन चरण माझी की अगुवाई वाली ओडिशा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने अब विधायकों की सिफारिश पर ट्रांसफर का ऐलान कर दिया है. ऐसा शिक्षा विभाग और शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर किया गया है. सरकार की इस नई ट्रांसफर नीति के मुताबिक अब विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में 15 शिक्षकों का स्थानांतरण कराने का अधिकार मिल गया है. ओडिशा सरकार के मंत्री नित्यानंद गोंड ने इस फैसले का ऐलान कर दिया है.
सरकार के इस फैसले का ऐलान करते हुए नित्यानंद गोंड ने कहा कि सांसद और विधायक जनप्रतिनिधि हैं. इनके पास शिक्षक भी अपनी ट्रांसफर से संबंधित समस्याएं लेकर जाते हैं. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसा तभी कर पाएंगे, जब उनके पास ऐसी पावर रहेगी. हमारी नई ट्रांसफर पॉलिसी में इसका ध्यान रखा गया है. ओडिशा सरकार के मंत्री ने कहा कि नई ट्रांसफर पॉलिसी में विधायक कम से कम 15 ट्रांसफर की सिफारिश कर सकता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिसको जरूरत रहेगा, उसकी ही सिफारिश विधायक करेंगे.
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उन्होंने कहा कि विधायकों को ट्रांसफर की सिफारिश करते समय यह भी देखना होगा कि वहां संतुलन कैसा रहेगा. पीपुल्स टीचर रेशियो (पीटीआर) सिस्टम भी देखना होगा. मंत्री नित्यानंद ने कहा कि इन सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए ही ट्रांसफर किया जाएगा. जब विधायकों को इतना भी अधिकार नहीं रहेगा, काम नहीं होगा, तो लोगों का उनके ऊपर से भरोसा कम हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसीलिए यह व्यवस्था की गई है. जिसको वास्तव में ट्रांसफर की जरूरत है, उसी का ट्रांसफर किया जाएगा.
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ओडिशा सरकार के मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने बहुत से परिवर्तन किए हैं. हमने इस बार की परीक्षा में भी कई सारे कदम उठाए थे. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक भर्ती पर सरकार का ध्यान है. हमने नौवीं और दसवीं क्लास के छात्रों के लिए भी मिड डे मिल की व्यवस्था की है. नित्यानंद गोंड ने कहा कि हमने नई शिक्षा नीति भी लागू की है. आने वाले दिनों में शिक्षा और शिक्षकों को लेकर हम और भी नए कदम उठाएंगे.