scorecardresearch
 

पहलगाम आतंकी हमले की जांच करेगी NIA, गृह मंत्रालय ने सौंपी जिम्मेदारी

गृह मंत्रालय (MHA) ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब NIA इस मामले में औपचारिक रूप से केस दर्ज करके विस्तृत जांच करेगी. सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम पहले से ही पहलगाम में मौजूद थी और हमले के बाद मौके का निरीक्षण कर चुकी है.

Advertisement
X
NIA पहलगाम हमले की जांच करेगी (File Photo)
NIA पहलगाम हमले की जांच करेगी (File Photo)

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है. गृह मंत्रालय (MHA) ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब NIA इस मामले में औपचारिक रूप से केस दर्ज करके विस्तृत जांच करेगी.

Advertisement

सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम पहले से ही पहलगाम में मौजूद थी और हमले के बाद मौके का निरीक्षण कर चुकी है. एजेंसी की फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर सबूत जुटाने में जुटी हुई है. जांच एजेंसी स्थानीय पुलिस से इस मामले से संबंधित केस डायरी, FIR और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लेगी.

गौरतलब है कि हालिया आतंकी हमले ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे अब देश की प्रमुख आतंकवाद-निरोधक एजेंसी के हवाले किया गया है. NIA जल्द ही हमले से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच शुरू करेगी, जिसमें हमले की साजिश, इसमें शामिल आतंकी गुटों की भूमिका और संभावित स्लीपर सेल्स की जांच भी शामिल होगी.

जानकारी के मुताबिक NIA स्थानीय पुलिस से इस केस से संबंधित प्राथमिक जांच रिपोर्ट (FIR), केस डायरी, सबूत और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लेगी, ताकि जांच को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाया जा सके. इससे पहले प्रारंभिक जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन हमले की गंभीरता और इसकी व्यापक साजिश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अब इसे केंद्रीय एजेंसी के हवाले कर दिया गया है.

Advertisement

गौरतलब है कि पहलगाम में हुआ यह हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हमले में विदेशी आतंकियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं, जिसे लेकर सुरक्षा बल सतर्क हो गए हैं. NIA इस हमले से जुड़े आतंकी मॉड्यूल्स, स्थानीय नेटवर्क और संभावित स्लीपर सेल्स की भूमिका की भी बारीकी से जांच करेगी.

बताया जा रहा है कि एजेंसी हमले के पीछे की साजिश को बेनकाब करने के लिए डिजिटल सबूतों, कॉल डाटा रिकॉर्ड्स (CDRs), सोशल मीडिया गतिविधियों और सीमा पार से संचालित आतंकी नेटवर्क की भी जांच करेगी. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए या संदिग्ध व्यक्तियों से भी गहन पूछताछ की जाएगी.

Live TV

Advertisement
Advertisement