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न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने नए IT नियमों से छूट की मांग की, NBA ने कहा- इससे न्यूज चैनलों का उत्पीड़न होगा

NBA ने कहा कि आईटी अधिनियम, 2000 और आईटी नियम 2021, आपातकाल के मामलों में कंटेंट को रोकना, मीडिया की फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा. यदि आईटी नियम, 2021 लागू होते हैं, तो इससे न्यूज चैनलों का उत्पीड़न होगा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार का दमन और उल्लंघन भी होगा. ये नियम निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग को भी प्रतिबंधित करेंगे. 

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सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • न्यूज चैनलों की बॉडी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखा
  • नए IT नियमों से छूट की मांग
  • नियमों को स्थगित रखे जाने की मांग

देश के कई टॉप न्यूज चैनलों की बॉडी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Information and Broadcasting Ministry) से अनुरोध किया है कि वे वेब-आधारित संस्थाओं को सरकार के हालिया आईटी नियमों के दायरे से बाहर रखें. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनके कंटेंट के संबंध में पहले से ही पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं. वह पहले से ही विभिन्न व्यवस्थाओं, कानूनों, दिशानिर्देशों और नियमों के दायरे में हैं. 

एनबीए (NBA) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) में डिजिटल न्यूज मीडिया के नियमन पर विचार नहीं किया गया है. 

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आईटी नियम, 2021 में अन्य बातों के साथ-साथ पारंपरिक न्यूज मीडिया यानी इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन न्यूज मीडिया, जिसमें डिजिटल न्यूज फ़ीड शामिल हैं और अन्य डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों पर उपस्थिति है, को इसके दायरे में लाने का प्रयास किया गया है. ऐसा मालूम होता है कि यह आईटी अधिनियम, 2000 का उल्लंघन है. 

NBA की ओर से कहा गया कि उसकी प्रमुख चिंता आईटी नियम, 2021 के दायरे में पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक/ टेलीविजन के डिजिटल न्यूज मीडिया को शामिल करना है, जबकि दोनों माध्यमों के कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं. 

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न्यूज ब्रॉडकास्टर्स ने कहा कि जहां NBA नए आईटी नियमों की जरूरतों की सराहना करता है, वहीं यह भी कहता है कि पारंपरिक न्यूज मीडिया को आईटी नियम 2021 के दायरे में शामिल करने की आवश्यकता नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह पहले से ही विभिन्न नियमों, कानूनों, दिशानिर्देशों द्वारा पर्याप्त रूप से रेगुलेट हो रहा है. 

NBA के अध्यक्ष ने केबल टेलीविजन नेटवर्क रेगुलेशन अधिनियम, 1995 (Cable TV Act), केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 (Cable TV Rules), अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग गाइडलाइंस 2011 को सूचीबद्ध किया. जिसके लिए पारंपरिक न्यूज मीडिया को 'प्रोग्राम कोड और एडवरटाइजिंग कोड' के अनुरूप होना आवश्यक है. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर और NBSA और BCCC जैसे सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी चैनलों की पर्याप्त निगरानी करने के लिए मौजूद थी. 

बताया गया कि NBSA ने उन टेलीविजन चैनलों के लिए कुछ आदेशों भी पारित किये हैं, जिन्होंने गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है. NBSA ऐसे चैनलों को वेबसाइट, यूट्यूब, या किसी से भी कंटेंट को हटाने का निर्देश देता है.  

पारंपरिक न्यूज मीडिया को विभिन्न अन्य कंटेंट कानूनों/ सामान्य विधियों के तहत भी रेगुलेट किया जाता है. कोर्ट की अवमानना ​​अधिनियम, 1971, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, औषधि और आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम, 1954, प्रतीक और नाम के अनुचित उपयोग अधिनियम, 1950, भारतीय दंड संहिता, 1860 और कई अन्य क़ानून शामिल हैं. इन कानूनों के जरिए पारंपरिक न्यूज मीडिया के कंटेंट को रेगुलेट किया जाता है. कई बार इन कानूनों का दुर्भावना से गलत इस्तेमाल भी किया जाता है. 

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चूंकि NBA के सदस्यों को पहले से ही तमाम नियमों और मंत्रालयों द्वारा निर्धारित कानूनों द्वारा रेगुलेट किया जाता है, इसलिए जब आईटी नियम, 2021 के प्रावधानों को लागू करने की बात आती है, तो न्यूज ब्रॉडकास्टर्स का डिजिटल न्यूज मीडियम एक अपवाद होना चाहिए. 

रजत शर्मा ने पत्र में आगे कहा कि न्यूज चैनलों को उनके ऑन-एयर और ऑन-लाइन प्लेटफॉर्म पर एक साथ उपलब्ध कराए गए एक ही वर्जन/फ़ीड के लिए दो बार रेगुलेट नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए, न्यूज चैनलों के डिजिटल मीडिया पर उपलब्ध सिमुलकास्ट फीड के लिए छूट दी जानी चाहिए, जिस का अर्थ है कि चैनलों की लाइव फीड एक साथ ऑन-एयर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाती है. 

उन्होंने अफसोस जताया कि आईटी नियम, 2021 प्रशासनिक नियमों को निर्धारित करता है, जिससे छोटे या मध्यम आकार के पारंपरिक न्यूज मीडिया संगठनों का जीवित रहना लगभग असंभव हो जाएगा. साथ ही यह भी कहा कि आईटी नियमों में भी 'अर्ध-सत्य', 'गुड टेस्ट', 'शिष्टता' जैसे शब्दों की कमियां हैं. 

रजत शर्मा ने कहा कि आईटी अधिनियम, 2000 और आईटी नियम 2021, आपातकाल के मामलों में कंटेंट को रोकना, मीडिया की फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा. यदि आईटी नियम, 2021 लागू होते हैं, तो इससे न्यूज चैनलों का उत्पीड़न होगा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार का दमन और उल्लंघन भी होगा. ये नियम निष्पक्ष तरीके से रिपोर्टिंग को भी प्रतिबंधित करेंगे. 

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NBA ने कहा कि जब तक कोर्ट विभिन्न मामलों का फैसला नहीं करतीं, तब तक नियमों को स्थगित रखा जाना चाहिए. चिंताओं पर चर्चा के लिए मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ बैठक होनी चाहिए. (रिपोर्ट- अमनदीप शुक्ला)

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