केंद्र सरकार ने बुधवार को 83 तेजस विमानों की 48 हजार करोड़ की डील को मंजूरी दे दी है. इस डील के साथ ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में 83 तेजस विमान शामिल होंगे. स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को 4 साल पहले वायुसेना में शामिल किया गया था. इस विमान की खासियत उसे अन्य लड़ाकू विमानों से अलग करती है. आइए जानते हैं क्या है इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की ताकत और क्यों है ये अन्य विमानों से अलग.
तेजस लड़ाकू विमान 2222 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने में सक्षम है. ये 3000 किमी की दूरी तक एक बार में उड़ान भर सकता है. तेजस विमान 43.4 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊंचा है. इसमें 6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात हो सकती हैं. ये हैं- डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर. 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें यानी ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल. इसके अलावा इसपर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं.
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तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है. इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं. तेजस विमान को 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है. ये सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है. ये एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपये रही है.
पाकिस्तान-चीन के थंडरबर्ड से ज्यादा दमदार
तेजस विमान पाकिस्तान और चीन के संयुक्त उत्पादन थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब तेजस की प्रदर्शनी की बात की गई थी, तब पाकिस्तान और चीन ने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था. ये बात बहरीन इंटरनेशनल एयर शो की है. तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है, जबकि थंडरबर्ड मिग-21 को सुधार कर बनाया जा रहा है.