बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार समिति के सदस्य के रूप में अपनी नियुक्ति से इनकार कर दिया है. उन्होंने महाराष्ट्र बीजेपी इकाई को इस बारे में चिट्ठी लिखी है और बताया कि वह पार्टी द्वारा नामित किए गए पद पर काम नहीं कर सकेंगे. सोमैया ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और अभियान समिति के प्रमुख रावसाहेब दानवे को पत्र लिखकर यह जानकारी दी.
किरीट सोमैया ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि वे पिछले साढ़े पांच साल से एक साधारण पार्टी सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं और वे इसी रूप में अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं. उन्होंने चिट्ठी में लिखा, "आपने मैरी मंजूरी के बगैर मेरे नाम का ऐलान किया है जो कि गलत है. आपको किसी और को अपॉइंट करना चाहिए. अपनी चिट्ठी में सोमैया ने 2019 की उस घटना को याद किया, जिसमें उन्हें उद्धव ठाकरे के कहने पर बीजेपी के एक नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकाल दिया था.
यह भी पढ़ें: किरीट सोमैया केस में मुंबई की अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट खारिज की, दोबारा जांच का दिया आदेश
'आपकी कमेटी का सदस्य नहीं रह पाउंगा'
सोमैया ने यह भी बताया कि उन्हें ठाकरे सरकार के घोटालों को उजागर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इस दौरान उन पर तीन बार हमला भी हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाना जारी रखा. उन्होंने कहा, "आपने पिछले पांच और आधे साल से मुझे एक साधारण सदस्य के रूप में प्यार किया है, जो मेरे लिए पर्याप्त है. मैंने पूरी तरह से खुद को इस विधानसभा चुनाव के लिए समर्पित किया है और मैं अपना काम जारी रखूंगा, लेकिन मैं आपकी समिति का सदस्य नहीं बन पाउंगा."
यह भी पढ़ें: आपत्तिजनक वीडियो कांड, दागी नेताओं की BJP में एंट्री... किरीट सोमैया से Exclusive बातचीत
'आगे कभी अपमानजनक व्यवहार न करें'
किरीट सोमैया ने कहा, "आपसे और क्षेत्रीय अध्यक्ष से निवेदन है कि भविष्य में इस प्रकार का अपमानजनक व्यवहार न करें." उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में कहा कि पिछले साढ़े पांच साल से आपने मुझे एक आम सदस्य के रूम में प्यार दिया है और यह मेरे लिए काफी है.' उन्होंने कहा, "मैंने खुद अपने आपको विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार कर रखा है और मैं आगे भी काम करता रहूंगा लेकिन आपकी कमेटी का सदस्य नहीं रहूंगा."