केरल में गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन के बीच एक बार फिर ठन गई है. ताजा मामला गवर्नर की बुलाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस जुड़ा है. सीएम पिनरयी विजयन का कहना है कि राजभवन ने प्रोटोकॉल तोड़ा है, उसे राज्य कैबिनेट की सलाह ही माननी चाहिए.
गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान की सोमवार को बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस की ओर इशारा करते हुए सीएम विजयन ने कहा कि राजभवन प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने मीडिया से कहा कि गवर्नर को राज्य कैबिनेट की सलाह मानना चाहिए, संविधान उनसे यही अपेक्षा रखता है. गवर्नर का पद उन्हें किसी भी राजनीतिक संगठन से निकटता दिखाने से रोकता है.
सीएम ने कहा कि गवर्नर तीन साल पहले कन्नूर में 'History Congress' के दौरान हुई घटना का लेकर बोल रहे थे. तब CAA के विरोध में देशभर में प्रदर्शन चल रहा था. तब कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया था, जब उन्होंने कांग्रेस में CAA के पक्ष में बात कही थी. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में भी गवर्नर और राज्य सरकार के बीच विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर नियुक्त करने को लेकर तनाव देखने को मिल रहा है. इसमें तमिलनाडु, बंगाल और राजस्थान शामिल हैं. यहां गवर्नर विश्वविद्यालयों में संघ परिवार (RSS) के लोगों को वाइस चांसलर के तौर पर नियुक्त करना चाहते हैं.
सीएम पिनरयी विजयन ने कोच्चि में गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है. सीएम ने कहा कि वह यूनिवर्सिटी को कुछ तय एजेंडा के लिए प्रयोगशाला बनाना चाहते हैं. हम उन्हें विश्वविद्यालयों को आरएसएस के लिए प्रयोग की फैक्टरी बनाने की अनुमति नहीं देंगे.
विजयन ने कहा कि उनकी सरकार को गवर्नर पर दबाब बनाकर लाभ लेने की जरूरत नहीं है. बल्कि गवर्नर विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से मना करके संविधान को चुनौती दे रहे हैं. उन्हें राज्य कैबिनेट की सलाह माननी चाहिए.
(रिपोर्ट : शिबी)