
Kedarnath Temple Viral Video of Dog: केदारनाथ मंदिर जहां केदार बाबा विराजमान हैं उसे पांडवों ने बनवाया था. उन्हीं पांडवों के बारे में एक कथा और प्रचलित है. कहा जाता है कि पांडव जब स्वर्ग की यात्रा पर निकले थे तब उनके साथ एक कुत्ता भी था. युधिष्ठिर उस स्वामी भक्त कुत्ते से इतना प्रेम करते थे कि उसको अपने साथ स्वर्ग लेकर जाने पर अड़ गए थे. लेकिन अब पांडवों द्वारा बनवाए गए उसी केदारनाथ मंदिर में कुत्ते के जाने पर बवाल मचा हुआ है.
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज घूम रहे हैं. इसमें एक कुत्ते को उसका मालिक केदारनाथ मंदिर में मौजूद नंदी के चरण स्पर्श करवा रहा है. लोग कुत्ते से नंदी को स्पर्श करवाने पर नाराज हैं.
इतना ही नहीं बदरी-केदार मंदिर कमेटी (Badri Kedar Temple Committee) ने इसपर कानूनी एक्शन लेने की मांग की है. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कहने पर कमेटी के सीईओ ने प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज करवा दी है.
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ऐसे में आजतक ने उस कुत्ते को पालने वाले परिवार से बात की, जिसपर यह पूरा बवाल मचा हुआ है.
नवाब त्यागी है नाम, एक लाख रुपये में खरीदा था
यह कुत्ता नोएडा में रहने वाली हिम्शी त्यागी का है. वायरल वीडियो में कुत्ते के साथ उनके पति रोहन त्यागी उर्फ विकास ही हैं. हिम्शी त्यागी ने बताया कि केदारनाथ में मौजूद वह वायरल वीडियो वाला कुत्ता हस्की ब्रीड का है. यह डॉग्स की रशियन ब्रीड है. हिम्शी ने कहा कि हम उसे बिल्कुल अपने बेटे की तरह पालते हैं और उसका नाम 'नवाब त्यागी' रखा हुआ है.
नवाब फिलहाल चार साल चार महीने का है. हिम्शी ने उसे 2018 में बेंगलुरु से मंगाया था. इन्होंने इसे बेंगलुरु से इंपोर्ट कराया था. इसमें कुल एक लाख रुपये का खर्च आया, जिसमें फ्लाइट का खर्च, कुत्ते की कीमत सब शामिल है. उस वक्त नवाब करीब 50 दिन का ही था.
नवाब त्यागी सोशल मीडिया पर पहले से स्टार, कर चुका है पैराग्लाइडिंग
केदारनाथ मंदिर वाले वीडियो से पहले भी नवाब डॉग चर्चा में रहा है. हिम्शी ने बताया कि टिकटॉक पर उसका वैरिफाइड पेज था. वहीं इंस्टाग्राम (huskyindia0) पर भी उसके 76 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
हिम्शी के मुताबिक उनका कुत्ता भारत में पैराग्लाइडिंग करने वाला पहला डॉग है. जिसके वीडियोज पहले से ही वायरल हैं. इसके अलावा वह कई जगह घूमा है.
हम जहां भी जाते हैं अपने डॉग नवाब को साथ लेकर जाते हैं. वह हमारे साथ मनाली, शिमला, हरिद्वार, बद्रीनाथ भी गया है. अपने कई बार ट्रैकिंग भी की है, जिसमें नवाब भी हमारे साथ रहा. शादी हो या कोई अन्य समारोह उसमें भी वह हमारे साथ ही जाता है.
'लोग शनिदेव और भैरव बाबा का रूप बता रहे थे'
हिम्शी इन दिनों सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग से परेशान हैं. उन्होंने कहा कि यह सब सिर्फ सोशल मीडिया पर हो रहा है. वर्ना केदारनाथ में उनका सब लोगों ने दिल से स्वागत किया था. हिम्शी ने कहा, 'नवाब पहले भी हमारे साथ कई मंदिरों में गया है. लेकिन केदारनाथ बड़ा मंदिर है. भीड़ और सिक्योरिटी ज्यादा रहती है. मुझे डर था कि कहीं लोग कुछ कहें ना.'
हिम्शी को डर था कि कभी उसे केदारनाथ परिसर में भी एंट्री नहीं मिली तो क्या होगा. क्योंकि वे लोग केदारनाथ की लंबी ट्रैकिंग (करीब 16 किलोमीटर पैदल) करके वहां पहुंचे थे.
लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. हिम्शी कहती हैं कि केदारनाथ में उनके कुत्ते को सबने बेहद प्यार दिया. कोई उससे डर नहीं रहा था. कई ने उसके साथ फोटोज क्लिक करवाई. भक्त तो भक्त यहां तक कि पुजारी भी अच्छा बर्ताव कर रहे थे. हिम्शी के मुताबिक, कुछ लोगों ने तो नवाब के पैर तक छुए और कहा कि वह भैरव बाबा का रूप है.
कुछ बुजुर्ग नवाब को भाग्यवान भी बोल रहे थे. ऐसे बुजुर्गों का कहना था कि उनको तो उम्र के लगभग आखिरी पड़ाव पर केदारनाथ दर्शन का मौका मिला है.
हिम्शी ने बताया कुल तीन कुत्ते उस दिन केदारनाथ गए थे. इसमें दो हस्की और एक लैब्रा ब्रीड का डॉग शामिल था. लेब्रा काले रंग का था, जिसको देखकर वहां बैठे कुछ बाबा बोल रहे थे कि ये शनिदेव का रूप है, इसे यहीं छोड़ जाओ.
हिम्शी ने एक और बात कही. वह बोलीं कि नवाब या बाकी कोई भी कुत्ता मुख्य मंदिर के अंदर नहीं गया था. उनको सिर्फ परिसर तक ही लेकर जाया गया था.
मिल रही धमकियां- अब उत्तराखंड आकर दिखाओ
हिम्शी त्यागी ने आगे बताया कि वीडियोज वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर उनको धमकियां मिल रही हैं. कुछ ट्रोलर्स बोल रहे हैं कि अब उनको उत्तराखंड में घुसने तक नहीं देंगे. हिम्शी कहती हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और ऐसे लोग उनको रोकने वाले कौन होते हैं.
हिम्शी ने बताया कि वह और उनके पति अपनी सोसायटीज के और कुत्तों की भी देखभाल करती हैं. हाल ही में उन्होंने छह कुत्तों को पारगो (Pargo) बीमारी से बचाया है. इसे कुत्तों के लिए कोरोना जैसा खतरनाक माना जाता है.