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कर्नाटक के किसानों के प्रदर्शन के बीच सिद्धारमैया सरकार का फैसला, गन्ने का समर्थन मूल्य तय

उत्तर कर्नाटक में गन्ने के लिए प्रति टन 3,500 रुपये की मांग को लेकर किसानों आंदोलन कर रहे थे. इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा था कि निष्पक्ष और लाभकारी मूल्य निर्धारण (FRP) का फैसला केंद्र सरकार करती है, ना कि राज्य सरकार. 

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कर्नाटक में गन्ने का समर्थन मूल्य तय (Photo: PTI)
कर्नाटक में गन्ने का समर्थन मूल्य तय (Photo: PTI)

कर्नाटक के उत्तरी जिलों में अपनी फसलों के उचित दाम की मांग को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य 3,300 रुपये प्रति टन तय करने का फैसला लिया है. यह मूल्य 11.25 फीसदी रिकवरी दर के आधार पर तय किया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी गन्ना किसानों से नए मूल्य को स्वीकार करने और आंदोलन वापस लेने की अपील भी की. बेलगावी जिले के मुदलगी तालुक में गुरलापुर क्रॉस पर गन्ने के लिए 3,500 रुपये प्रति टन खरीद मूल्य की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहा. यह आंदोलन बेलगावी, बागलकोट, विजयपुरा, हावेरी सहित उत्तर कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में फैल गया है.

विरोध प्रदर्शन के तीव्र होने पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को किसान नेताओं और चीनी मिल प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई. सिद्धारमैया ने कहा कि बेलगावी जिले के उपायुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने 10.25 फीसद रिकवरी पर 3,100 रुपये प्रति टन और 11.25 फीसदी रिकवरी पर 3,200 रुपये प्रति टन की पेशकश की थी.

इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रदर्शन जारी रहा इसलिए आज हमने फैसला लिया है कि मील मालिकों की ओर से 50 रुपये और सरकार की ओर से 50 रुपये यानी कुल 100 रुपये अतिरिक्त प्रति मीट्रिक टन किसानों को दिया जाएगा. इस पर जब पूछा गया कि क्या किसान संतुष्ट हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है.

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