दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े मामले पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "आज हम जमीनी हकीकत से खुद को दूर नहीं कर सकते. आज हम एक कटु सच्चाई से रूबरू हैं. लुटियंस दिल्ली में एक जज के घर पर नोट और नकदी जला दी गई, आज तक कोई एफआईआर नहीं हुई. हमारे देश में कानून का राज है, आपराधिक न्याय प्रणाली है, इसमें एक पल की भी देरी करने की कोई वजह नहीं हो सकती."
उन्होंने आगे कहा कि कानून का राज ही समाज की नींव है. लोकतंत्र को अभिव्यक्ति, संवाद और जवाबदेही से परिभाषित किया जाना चाहिए. किसी संस्था को गिराने का सबसे पक्का तरीका है, उसे जांच से दूर रखना. अगर हमें लोकतंत्र को वाकई पोषित करना है और सुनिश्चित करना है कि लोकतंत्र फले-फूले, तो हमें हर संस्था और हर व्यक्ति को कानून के मुताबिक जवाबदेह बनाना होगा.
'हमें एकजुट होना होगा...'
जगदीप धनखड़ ने कहा, "न्यायिक सिनेरियो बेहतर हो रहा है. यशवंत वर्मा मामले में पूर्व सीजेआई खन्ना ने जो कदम उठाए हैं, उसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए. मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा, लेकिन जब राष्ट्रीय हित की बात आती है, तो हम लोगों को अंदरूनी और बाहरी लोगों में नहीं बांट सकते. हम सभी को एकजुट होना होगा."
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न्यायिक भ्रष्टाचार और जस्टिस यशवंत वर्मा मामले के बारे में बोलते हुए वीपी जगदीप धनखड़ ने कहा, "पूरी न्यायिक व्यवस्था की छवि बदल जाएगी. घटना 14-15 मार्च को हुई और हममें से किसी को भी इसके बारे में पता नहीं चला. कल्पना करें कि ऐसी कितनी घटनाएं हुई होंगी और हमें पता नहीं चला. सत्य की जीत होनी चाहिए."