Israel-Iran War LIVE News & Latest Updates: ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष 11वें दिन में दाखिल हो चुका है. इस बीच अमेरिका ने इशारा किया है कि वह ईरान के साथ फिर से बातचीत शुरू करने को तैयार है, जिससे लंबा युद्ध टाला जा सके. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार रात देश को संबोधित किया. वहीं, ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बौछार की, जिसमें 80 से ज्यादा लोग घायल हुए. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अब कूटनीति का समय खत्म हो गया है और ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है.
इजरायल और ईरान के बीच तनाव की शुरुआत 13 जून को हुई, जब इजरायल ने ईरान में कई ठिकानों पर अचानक हमला कर दिया. जहां पीएम नेतन्याहू ने हमले के पीछे दलील दी कि ईरान अगले कुछ दिनों में ही न्यूक्लियर बम बना लेने वाला था और हमारे लिए यह अस्तित्व के खतरे की बात है. इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से पलटवार किया, जहां हजारों रेजिडेंशियल बिल्डिंग और सरकारी संस्थानों को तबाह कर दिया गया है.
मौजूदा वक्त में अमेरिकी हमलों के बाद हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. इस बीच यूएनएससी में अमेरिकी हमलों की निंदा भी की गई है. इजरायल-ईरान संघर्ष पर सभी लेटेस्ट अपडेट्स पढ़ने के लिए इस पेज पर बने रहें.
कतर में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से मौजूदा स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने और घरों के अंदर रहने का आग्रह किया है. दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कृपया शांत रहें और कतरी अधिकारियों द्वारा दिए गए स्थानीय समाचारों, निर्देशों और मार्गदर्शन का पालन करें. हम अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से भी आपको अपडेट करते रहेंगे.'
ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने एक बयान में कहा कि ईरान के परमाणु संयंत्रों और स्थलों पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए आक्रामक और बेशर्म हमले के जवाब में, कुछ ही घंटे पहले, इस्लामी गणराज्य ईरान के शक्तिशाली सशस्त्र बलों ने कतर के अल-उदीद में अमेरिकी वायु सेना अड्डे पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया.
ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय का कहना है कि उसके सशस्त्र बलों ने अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमले में उतनी ही मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जितना अमेरिका ने उसके परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने में किया था.
बहरीन ने एक बयान में कहा कि उसने ईरान द्वारा अमेरिकी हवाई हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की आशंका के चलते अस्थायी रूप से हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है.
ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान ने सोमवार को कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर छह मिसाइलें दागीं. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने ऑपरेशन बेशारत फतह की शुरुआत की घोषणा की, और कहा कि ये हमले अमेरिका द्वारा स्पष्ट सैन्य आक्रमण के खिलाफ अभियान का हिस्सा हैं.
ईरान की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख अब्दुल रहीम मौसवी ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'नेतन्याहू को सजा मिलती रहेगी, लेकिन अब हमारा जवाब अमेरिका के लिए भी होगा. चाहे हमारे तीन परमाणु ठिकानों को कितना भी नुकसान क्यों न पहुंचा हो, हम अमेरिका की इस आक्रामकता का जवाब जरूर देंगे, क्योंकि उसने हमारे देश पर हमला किया है.'
आईडीएफ (इजरायली सेना) ने कहा है कि तेहरान पर हुए ताजा हवाई हमलों में 50 से ज्यादा लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया. सेना के मुताबिक, इन हमलों का मकसद ईरानी शासन की सैन्य ताकत को नुकसान पहुंचाना था. हमलों में तेहरान क्षेत्र में मौजूद 'ईरानी सैन्य हेडक्वार्टर, मिसाइल प्रोडक्शन साइट्स, रडार सिस्टम और मिसाइल स्टोरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर' को निशाना बनाया गया.
ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने कहा है कि 'ईरान खत्म होने की कगार पर है. खामेनेई और उनके सहयोगी देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने खामेनेई को सीधा संदेश देते हुए कहा, 'अगर आप अभी इस्तीफा देते हैं तो आपको निष्पक्ष मुकदमे और न्यायिक प्रक्रिया का अधिकार मिलेगा.' रेजा पहलवी ने पश्चिमी देशों को भी चेतावनी दी कि यदि वे इस शासन को कोई मदद देंगे तो और ज्यादा खून-खराबा और अराजकता फैलेगी, क्योंकि अपमानित होने के बाद यह शासन कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा, बल्कि और हिंसक होगा. उन्होंने कहा कि 'जब तक यह शासन सत्ता में है, तब तक वॉशिंगटन, पेरिस, यरुशलम, रियाद या तेहरान- कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है.'
इजरायल ने तेहरान में ईरानी शासन के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं. इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज़ ने बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निर्देश पर आईडीएफ (इजरायली सेना) ने बसीज मुख्यालय, एविन जेल (जहां राजनीतिक कैदियों को रखा जाता है), 'इजरायल के विनाश' वाली घड़ी (पैलेस्टाइन स्क्वायर), आईआरजीसी का आंतरिक सुरक्षा मुख्यालय समेत कई ठिकानों को निशाना बनाया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि इजरायल के नागरिक इलाकों पर ईरानी हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है और हर हमले की कीमत ईरानी हुकूमत को चुकानी होगी. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक सभी युद्ध लक्ष्य पूरे नहीं होते, हमले जारी रहेंगे.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के विदेश मंत्री से मुलाकात की है. पुतिन ने कहा कि ईरान पर बिना किसी ठोस कारण के हमला किया गया है. उन्होंने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि किसी भी देश में सत्ता परिवर्तन का अधिकार केवल वहां की जनता के पास है, बाहर की ताकतों को इसमें दखल देने का कोई हक नहीं है. पुतिन ने ईरान के साथ रूस की एकजुटता और समर्थन भी दोहराया.
Al Jazeera की रिपोर्ट के मुताबिक, क़ोम प्रांत संकट प्रबंधन मुख्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल पर सोमवार को फिर से हमला हुआ. इस बार यह हमला इजरायल की तरफ से किया गया है. इससे पहले अमेरिका ने ईरान की इन साइट्स पर हमला किया था. ईरानी अधिकारियों ने तस्नीम समाचार एजेंसी को बताया कि नए हमले के बावजूद आस-पास के निवासियों के लिए "कोई ख़तरा" नहीं है.
ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका द्वारा हमले किए जाने के एक दिन बाद, तेहरान ने तगड़ा पलटवार किया है और शक्तिशाली जवाबी कार्रवाई की कसम खाई. ईरान ने अपने सैन्य अभियानों के अगले चरण की शुरुआत की है. ईरानी सेना के प्रवक्ता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हवाला देते हुए कहा, "जुआरी ट्रंप! तुम यह युद्ध शुरू कर सकते हो, लेकिन हम ही इसे समाप्त करेंगे."
इस बीच, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने पुष्टि की है कि उसने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 की 20वीं लहर शुरू की है, जिसे उसने अपने जवाबी अभियान में एक नया चरण बतायाय. IRGC के प्रवक्ता के मुताबिक, ऑपरेशन में ठोस और तरल ईंधन के संयोजन से संचालित उन्नत लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया. प्रवक्ता ने टारगेट्स को निर्दिष्ट किए बिना कहा, "ये मिसाइलें विनाशकारी वारहेड और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को भेदने के लिए डिज़ाइन की गई उन्नत क्षमताओं से लैस हैं."
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना की तरफ से ईरान की मिसाइलों की चेतावनी के बाद यरुशलम में धमाके की आवाजें सुनाई दी हैं. सेना का कहना है कि ईरान की ओर से इजरायल पर अतिरिक्त मिसाइलें दागी गई हैं. इसमें कहा गया है कि नागरिकों को होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करना जारी रखना चाहिए और आश्रयों में रहना चाहिए, क्योंकि हवाई सुरक्षा खतरों को मार गिराने के लिए काम कर रही है.
दक्षिणी इज़रायल के अशदोद इलाके में बैलिस्टिक मिसाइल के धमाके की जानकारी सामने आई है. ईरान से मिसाइलों के एक और हमले के बीच उत्तरी इज़रायल में फिर से सायरन बजने लगे हैं.
Fars News Agency की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के सेना प्रमुख ने अमेरिकी हमलों के जवाब में सजा देने की कसम खाई है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपराधों का करारा जवाब दिया जाएगा.
आईडीएफ ने दावा किया है कि उसने पश्चिमी, पूर्वी और मध्य ईरान में 6 ईरानी सैन्य हवाई अड्डों पर हमला किया. दूर से ऑपरेट किए जाने वाले विमानों ने 15 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर्स को नष्ट कर दिया है. इजरायल ने दावा किया है कि इसमें F-14, F-5 और AH-1 शामिल हैं, जिससे इजरायल के हवाई हमलों का मुकाबला करने की ईरान की क्षमता और कम हो गई.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका के हालिया हवाई हमलों पर चर्चा करने के लिए बैठक की. ईरान की कॉल पर इमरजेंसी सेशन में वॉशिंगटन और उसके सहयोगियों की तीखी आलोचना की गई, क्योंकि मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष को लेकर कूटनीतिक तनाव गहरा गया है.
इस बीच, रूस, चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से पूरे खित्ते में तत्काल और बिना शर्त युद्ध विराम के लिए एक प्रस्ताव पर जोर दिया.
कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले करने के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की और इसे तेहरान के साथ बातचीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के आह्वान का मजाक बताया.
सोशल मीडिया पर एक बयान में कांग्रेस नेता ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पूरा यकीन है कि ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और बातचीत जरूरी है. उन्होंने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और उस पर नैतिक साहस की कमी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने न तो अमेरिकी बमबारी या इजरायल की आक्रामकता, बमबारी और टारगेटेड हत्याओं की आलोचना की है और न ही निंदा की है. सरकार 'गाजा में फिलिस्तीनियों पर किए जा रहे नरसंहार' पर भी चुप रही है.
प्रधानमंत्री मोदी और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के बीच बातचीत पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "आश्चर्यजनक और चौंकाने वाली बात यह है कि भारत के प्रधानमंत्री गाजा में निर्दोष नागरिकों पर बमबारी या अन्य देशों में इजरायल द्वारा टारगेटेड हत्याएं या अब ईरान के खिलाफ अमेरिका द्वारा हवाई शक्ति का उपयोग करने पर पूरी तरह से चुप हैं. भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में शांति बनाए रखने और रचनात्मक भूमिका निभाई है. भारत इस खित्ते में अपने नैतिक अधिकार का त्याग क्यों कर रहा है? लोग जवाब तलाश रहे हैं. भारत को अपने नैतिक अधिकार का प्रयोग करना चाहिए था, अपने पारंपरिक मित्रों और भागीदारों के साथ खड़ा होना चाहिए था, और यह साफ करना चाहिए था कि सरकार सही वक्त पर सही लहजे में सही लोगों से बात करे."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों और बढ़ते इजरायल-ईरान संघर्ष के मद्देनजर मुस्लिम दुनिया की चुप्पी पर गहरी निराशा जाहिर की है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "मुझे निराशा है कि मुस्लिम दुनिया चुप है. आज ईरान इस स्थिति में है, लेकिन कल अमेरिका द्वारा अन्य देशों को खत्म किया जाएगा. अगर वे आज नहीं जागे, तो उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए."
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने सोमवार को कहा कि वह ईरान के खिलाफ अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा करता है और इसे संप्रभु राज्य के सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताता है.
Times of Israel ने रिपोर्ट में बताया कि आईडीएफ के मुताबिक, ईरान के नए हमले में एक बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की गई थी. इसके बाद तेल अवीव और मध्य इज़राइल के आस-पास के क्षेत्र में सायरन बजा और मिसाइल को रोक दिया गया.
इजरायली हमलों में ईरान में कम से कम 950 लोगों की मौत हुई है और 3,450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. यह जानकारी एक मानवाधिकार संगठन ने दी है, जिसे AP ने रिपोर्ट किया है.
इजरायली सेना बताया कि ईरान की तरफ से मिसाइल अटैक के कारण मध्य इजराइल में सायरन बज रहे हैं. IDF का कहना है कि ईरान से इजरायल की ओर मिसाइलें दागी गई हैं.
अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हालिया अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान समर्थित मिलिशिया समूह इराक और संभावित रूप से सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इराकी अधिकारी हालात को और बिगड़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है, और किसी भी संभावित हमले से निपटने की तैयारी की जा रही है.
अमेरिका ने दुनिया भर में अपने नागरिकों के लिए 'वर्ल्डवाइड अलर्ट' जारी की है. इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के कारण पूरे मध्य पूर्व में हवाई यात्रा में रुकावट और एयरस्पेस की अस्थायी बंदी देखी जा रही है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि दुनियाभर में अमेरिकी नागरिकों और उनके हितों के खिलाफ प्रदर्शन हो सकते हैं. ऐसे में सभी अमेरिकी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. यात्रा की योजना बनाते समय अमेरिका के ट्रैवल एडवाइजरी, देश से जुड़ी जानकारी और हालिया सुरक्षा अलर्ट को जरूर पढ़ें. इसके लिए लोग इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ईरान की न्यूज एजेंसियों ने कहा कि ईरान के मध्य तेहरान जिलों में 'दुश्मन के लक्ष्यों' का मुकाबला करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव की गई हैं.
इजरायली वायुसेना के 20 लड़ाकू विमानों ने खुफिया सूचना के आधार पर केरमानशाह, हमादान और तेहरान में 30 से अधिक बमों का इस्तेमाल करते हुए हमले किए.
आईडीएफ ने एक्स पोस्ट में बताया कि लक्ष्यों में शामिल हैं:
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के दूत ने कहा कि अमेरिका के हमलों के जवाब में ईरान की प्रतिक्रिया का समय, तरीका और स्तर उसकी सेना तय करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है और इसे हमलों और गैरकानूनी कार्रवाईयों का बहाना बनाया गया है. ईरानी दूत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया, जिनका कोई कानूनी आधार नहीं है. ईरान ने "अमेरिका के सभी आरोप निराधार हैं, इनका कोई कानूनी आधार नहीं है और ये राजनीति से प्रेरित हैं" कहकर आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
"शासन परिवर्तन" शब्द का इस्तेमाल करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन अगर मौजूदा ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा???" इसके साथ ही उन्होंने 'MIGA' का ऐलान किया, यानी "Make America Great Again" की तर्ज पर उन्होंने "Make Iran Great Again" कहा है.
संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत ने कहा कि ईरान लंबे समय से अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर झूठ और भ्रम फैलाता रहा है और हालिया बातचीत में अमेरिका की सद्भावनापूर्ण कोशिशों को नजरअंदाज किया. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान को हालात और नहीं बिगाड़ने चाहिए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि वह ईरान से इजरायल को समाप्त करने की कोशिशें रोकने और परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ते कदमों को तुरंत बंद करने की मांग करे.
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा है कि अगर ईरान के परमाणु हथियारों से जुड़े ठिकाने वास्तव में नष्ट कर दिए गए हैं, तो यह कोई बुरा संदेश नहीं है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात हैं और अमेरिका भी इस संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल हो चुका है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में में रूस के प्रतिनिधि ने अमेरिका की ईरान पर की गई कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना, खतरनाक और उकसावे वाला बताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ऐसा कदम उठाकर पेंडोरा बॉक्स खोल दिया है, जिससे कौन-कौन सी नई तबाहियां और दुख सामने आएंगे, यह कोई नहीं जानता. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका की नीतियों में कूटनीति की कोई रुचि नहीं है.
रूस ने इजरायल और अमेरिका से तुरंत आक्रामक कार्रवाइयों को रोकने की अपील की है और कहा है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए संघर्ष पर तुरंत विराम लगना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में चीन के प्रतिनिधि ने ईरान पर अमेरिका के हमलों की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में शामिल सभी पक्षों, खासकर इजरायल को तुरंत संघर्षविराम करना चाहिए. चीन का मानना है कि ईरान के परमाणु मुद्दे पर कूटनीति की सारी कोशिशें अब भी पूरी नहीं हुई हैं और अब भी एक शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद बची है. चीन ने सभी देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रह सके.