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पहलगाम अटैक में इंदौर के सुशील नथानियल की भी हुई मौत, बेटी को गोली लगी, हमले से एक दिन पहले की तस्वीर आई सामने

Indore man Sushil Nathaniyal killed in Pahalgam terror attack: सुशील नथानियल के मामा अरुण कुमार कुमरावत ने बताया कि आतंकियों ने पर्यटकों के समूह को घेरकर एक-एक से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा. सुशील ने कहा, ''मैं ईसाई हूं, कलमा कैसे पढ़ सकता हूं?'' इसके बाद आतंकियों ने जेनिफर को एक तरफ हटाकर सुशील को गोली मार दी.

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हमले से एक दिन पहले सुशील नथानियल के परिवार की तस्वीर.
हमले से एक दिन पहले सुशील नथानियल के परिवार की तस्वीर.

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इंदौर के सुशील नथानियल की जान ले ली. इस हमले में उनकी बेटी के पैर में गोली लगी और वह श्रीनगर में इलाजरत हैं. सुशील अपनी पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा और बेटे आस्टन के साथ छुट्टियां मनाने के लिए कश्मीर गए थे. हमले से एक दिन पहले की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें परिवार खुशी के पल बिताता नजर आ रहा है.

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इंदौर के अभिनंदन नगर MR-10 निवासी सुशील नथानियल (58) अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के रीजनल मैनेजर थे. उनकी पत्नी जेनिफर (54) इंदौर के खातीपुरा में सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बेटी आकांक्षा (35) सूरत (गुजरात) में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में मैनेजर हैं और अविवाहित हैं. जबकि बेटा आस्टन (25) पढ़ाई कर रहा है. 

सुशील के मामा अरुण कुमार कुमरावत ने बताया कि आतंकियों ने पर्यटकों के समूह को घेरकर एक-एक से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा. सुशील ने कहा, ''मैं ईसाई हूं, कलमा कैसे पढ़ सकता हूं?'' इसके बाद आतंकियों ने जेनिफर को एक तरफ हटाकर सुशील को गोली मार दी. 

रिटायर्ड बैंक मैनेजर अरुण कुमार कुमरावत ने बताया कि आतंकियों की फायरिंग में सुशील की बेटी आकांक्षा को भी पैर में गोली लगी, जिसे अस्पताल में निकाल लिया गया है और उसका इलाज चल रहा है. सुशील का शव बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली, फिर चंडीगढ़ होते हुए इंदौर लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा. 

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सुशील की मौत की पुष्टि की और कहा, हम पहलगाम के स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं. सुशील का शव इंदौर लाने और परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए समन्वय किया जा रहा है. आकांक्षा को मामूली चोटें हैं, और उनकी स्थिति स्थिर है.” 

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कलेक्टर आशीष सिंह ने वीणा नगर में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि श्रीनगर में सड़कें बंद होने के कारण शव को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है. प्रशासन ने परिवार को आश्वासन दिया है कि आकांक्षा के इलाज और शव को इंदौर लाने में कोई कमी नहीं होगी.

बताया गया कि सुशील का परिवार मूल रूप से जोबट (अलीराजपुर) का रहने वाला है, लेकिन 30 साल पहले इंदौर शिफ्ट हो गया था. 

मध्य प्रदेश सरकार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है.  मुख्यमंत्री मोहन यादव  ने कहा, जम्मू-कश्मीर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूं. दुश्मनों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें इस कायराना हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी. 

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