जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 आम नागरिकों की जान चली गई थी. उस हमले के बाद से ही भारत के लोगों में पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा था और हर कोई बदले की भावना लिए घूम रहा था. अब भारत ने घटना के 15 दिन बाद ये बदला पूरा कर लिया है, भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात (6 मई की देर रात) पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है.
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान का रोना शुरू हुआ और वो दुनिया के सामने अपना झूठा दुख सुनाने लगा. लेकिन भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के हर झूठ का पर्दाफाश कर दिया.
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बुधवार को जो आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें तीन मुख्य लोग आए जिन्होंने पूरी जानकारी दी. इसमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके साथ दो महिला सैन्य अधिकारी मौजूद थीं. पहली कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी विंग कमांडर व्योमिका सिंह, दोनों महिला अधिकारियों ने भारतीय सेना के पराक्रम को दुनिया के सामने रखा और भारतीय सेना किस तरह पाकिस्तान द्वारा पाले जा रहे आतंकवाद को ख़तम कर रही है, उसकी जानकारी दी.
ऑपरेशन सिंदूर 6 से 7 मई 2025 की रात 1 बजकर 5 मिनट से 1:30 बजे के बीच भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अंजाम दिया गया #OperationSindoor #IndianArmy #IndianAirforce #IndiaStrikesTerroristan #PahalgamTerrorAttack pic.twitter.com/2kcsLGZpfi
— AajTak (@aajtak) May 7, 2025
सोशल मीडिया पर लगातार इन दोनों महिला अधिकारियों की चर्चा भी हो रही है, और हर भारतीय इनकी तारीफ कर रहा है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि ये दोनों अधिकारी आखिर हैं कौन, और क्यों भारतीय सेना, भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए इन दोनों को चुना. आइए जानते हैं इन दोनों की कहानी.
# विंग कमांडर व्योमिका सिंह
18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुईं विंग कमांडर व्योमिका सिंह को मौजूदा वक्त की सबसे बेहतरीन विंग कमांडर में से एक माना जाता है. जिनके पास लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स उड़ाने का एक बेहतरीन अनुभव है और चीता, चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ाने में महारथ भी हासिल है. व्योमिका सिंह को वायुसेना में शामिल होने के 13 साल बाद विंग कमांडर का पद मिला और 18 दिसंबर 2017 में जाकर वो विंग कमांडर बनीं.
ये भी पढ़ें: कल्पना से भी परे: विदेशी एक्सपर्ट्स ने समझाया, कैसे 2016 और 2019 से भी घातक है इंडिया का एक्शन!
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास इस समय हज़ारों घंटे फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है, जो उन्हें सबसे सक्षम बनाता है. व्योमिका सिंह ने अपनी कहानी साझा करते हुए बताया है कि जब वो क्लास 6 में थीं, तभी उनके मन में ख़याल आ गया था कि वो एयरफोर्स का हिस्सा बनेंगी, क्यूंकि इसके पीछे एक कहानी है और वो उनके नाम से जुड़ी हुई है. व्योमिका सिंह ने बताया कि हमारी क्लास में एक बहस चल रही थी, जो नाम पर थी. जब मैंने अपना नाम बताया, जिसका मतलब ये था कि जो आसमान को मुट्ठी में रखे. तभी मैंने सोच लिया कि अब आसमां मेरा होगा.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के मुताबिक, जब उनकी पढ़ाई पूरी हुई उस दौर तक महिलाएं काफी कम एयरफोर्स में आती थीं, जब मेरी पढ़ाई पूरी हुई और मैंने यूएपएससी के जरिए एयरफोर्स में एंट्री ली और फिर हेलिकॉप्टर पायलट बन गईं. व्योमिका सिंह ने बताया कि हेलिकॉप्टर पायलट होने के नाते आपको कई मुश्किल और कठिन फैसले लेने पड़ते हैं, और इन्हीं फैसलों ने हमें मज़बूती दी है. बता दें कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह ना सिर्फ लड़ाकू हेलिकॉप्टर को चलाने में सक्षम हैं, बल्कि साल 2021 में वायुसेना की जिस महिला विंग ने माउंट मणिरंग की चढ़ाई की थी, वो उसका भी हिस्सा रह चुकी हैं और इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं.
# कर्नल सोफिया कुरैशी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिन्दी में पूरी जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दीं और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों की एक-एक जानकारी दुनिया के सामने रखी. सोफिया कुरैशी कॉर्प्स ऑफ सिग्नल से जुड़ी हुई अधिकारी हैं. 35 साल की सोफिया कुरैशी इस वक्त पहली महिला ऑफिसर हैं, जिन्होंने इंडियन आर्मी के पूरे कॉन्टिजेंट को एक कई देशों की सैन्य एक्सरसाइज़ में लीड किया है.
साल 2016 में वो एक्सरसाइज़ फोर्स 18 मिलिट्री ड्रिल का हिस्सा बन चुकी हैं और उसे लीड भी कर चुकी हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, गुजरात से आने वाली सोफिया कुरैशी सैन्य परिवार से ही आती हैं और बायोकेमेस्ट्री में डिग्री भी रखती हैं. करीब 6 साल के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भारत की तरफ से योगदान दिया है और कोंगो में मिशन को पूरा किया है.
Leading lady
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) March 8, 2020
Lt Col Sophia Qureshi, 1st woman officer to lead an Army training contingent at Force18 - #ASEAN Plus multin'l field trg ex in 2016. She was only Woman Officers Contingent Commander among all #ASEAN Plus contingents. #WomensDay #IWD2020 #EachforEqual #SheInspiresUs pic.twitter.com/CkNipN02mp
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ?
जैसा कि आपको मालूम ही है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था. इसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी, ये सभी लोग आम टूरिस्ट थे जो पहलगाम घूमने गए हुए थे. मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के बाद ये पहला ऐसा आतंकी हमला था, जिसमें आम नागरिकों की मौत इतनी बड़ी संख्या में हुई. घटना के 15 दिन बाद भारत ने इसका बदला दिया. 6 मई की देर रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद अलग-अलग आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया. भारत ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है.