भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज कोणार्क कॉर्प्स के रेगिस्तानी क्षेत्र में लौंगेवाला का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों की काबीलियत की सराहना की, और भारतीय वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल के साथ को-ऑर्डिनेशन में किए गए जॉइंट एक्शन की समीक्षा की.
जैसलमेर से कच्छ तक फैले रेगिस्तान में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल ने मिलकर तेज और समन्वित सैन्य कार्रवाई की थी. इस जॉइंट एक्शन ने दुश्मन की योजना को नाकाम करने के साथ-साथ पश्चिमी सीमांत पर परिचालन प्रभुत्व स्थापित किया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सर्विलांस एसेट्स और एयर डिफेंस सिस्टम को तेजी से तैनात किया गया, जिसे वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल के साथ मिलकर प्रभावी तरीके से लागू किया गया.
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वेपन सिस्टम और अन्य ऑपरेशनल साधनों की सही स्थिति ने नागरिक प्रशासन के सहयोग के साथ क्षेत्रों पर कड़ा नियंत्रण स्थापित किया गया और संभावित खतरों को समाप्त किया.
सेना प्रमुख ने बढ़ाया जवानों का उत्साह
सेना प्रमुख ने कोणार्क कॉर्प्स के सैनिकों से बातचीत में उनका उत्साह बढ़ाया और उनकी बहादुरी, समर्पण और लगन को स्वीकारते हुए उन्हें शाब्बाशी दी. उन्होंने खासतौर से दुश्मन के ड्रोन घुसपैठ को सफलतापूर्वक बेअसर करने के लिए सैनिकों की सतर्कता की प्रशंसा की, जिससे रेगिस्तानी क्षेत्र में किसी भी दुश्मनी की कोशिश नाकाम रही.
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भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार
जनरल द्विवेदी ने कमांडरों और यूनिट्स को उनकी तैयारी, मनोबल और संयुक्त योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन के लिए भी बधाई दी. उन्होंने भारतीय सेना की सम्मान की परंपरा और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तत्परता को दोहराया.