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साझेदार देशों को आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को समझना चाहिए: जयशंकर

भारत आने से पहले लैमी 16 मई को इस्लामाबाद गए थे, जहां उन्होंने दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए 10 मई को हुए समझौते का स्वागत किया था.

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर. (PTI Photo)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर. (PTI Photo)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को नई दिल्ली में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ चर्चा के दौरान कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की पॉलिसी के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच किसी भी तरह की समानता को स्वीकार नहीं करेगा. हाल ही में हुए सैन्य गतिरोध के बाद कुछ देशों द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच समानताएं दर्शाने पर राष्ट्र की चिंता के बीच यह टिप्पणी आई है. लैमी भारत-ब्रिटेन रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा और उसे मजबूत करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं.

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अपने आरंभिक भाषण में जयशंकर ने पहलगाम में हाल ही में हुए 'बर्बर' आतंकवादी हमले की ब्रिटेन द्वारा की गई निंदा तथा भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए उसके निरंतर समर्थन की सराहना की. जयशंकर ने कहा, 'मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति आपकी एकजुटता और समर्थन के लिए यूनाइटेड किंगडम सरकार को धन्यवाद देता हूं.' उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे, और हम कभी भी आतंकवादियों को आतंक पीड़ितों के बराबर नहीं रखेंगे.'

यह भी पढ़ें: 'भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा', जयशंकर की पाकिस्तान को दो टूक

वार्ता के दौरान, भारत ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के बारे में चिंता जताई. ब्रिटेन ने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बातचीत की थी और सैन्य तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित किया था. उल्लेखनीय है कि भारत आने से पहले लैमी 16 मई को इस्लामाबाद गए थे, जहां उन्होंने दोनों पड़ोसियों के बीच शत्रुता समाप्त करने के लिए 10 मई को हुए समझौते का स्वागत किया था. अन्य घटनाक्रमों में, एस जयशंकर ने वार्ता के दौरान हाल ही में संपन्न भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते और दोहरे कराधान से बचाव सम्मेलन को द्विपक्षीय संबंधों में प्रमुख मील का पत्थर बताया.

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