मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को बताया कि मॉनसून उत्तरी अरब सागर, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ की ओर बढ़ गया है. पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में अभी तक मॉनसून की पहली बारिश नहीं हुई है. आईएमडी के मुताबिक गुजरात क्षेत्र, कोंकण और गोवा तथा मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है.
अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, तटीय कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, आंतरिक कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, सौराष्ट्र और कच्छ, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल और माहे, ओडिशा, विदर्भ, पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है.
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दिल्ली इस वर्ष अब तक मॉनसून से अछूता एकमात्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है. इससे पहले आईएमडी ने 24 जून तक दिल्ली में मॉनसून की बारिश की भविष्यवाणी की थी लेकिन यह पूर्वानुमान गलत साबित हुआ. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में मॉनसून की बारिश होने लगी है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है. मॉनसून भारत की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है. इस साल यह अपने समय से 8 दिन पहले 24 मई को केरल पहुंच गया था. केरल में मॉनसून अमूमन 1 जून तक आता है.
आईएमडी ने कहा कि अगले 36 घंटों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष क्षेत्रों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. मॉनसून 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर करता है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, भारत का 51% कृषि क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है, जो उत्पादन का 40% हिस्सा है, जिससे मॉनसून की बारिश काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. देश की 47% आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, इसलिए भरपूर मॉनसून सीधे तौर पर स्वस्थ ग्रामीण अर्थव्यवस्था से संबंधित है.