दिल्ली से पटना साहिब तक सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा आरंभ होने जा रही है. गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर जी के पवित्र “जोड़े साहिब” को दिल्ली से बिहार की राजधानी पटना स्थित गुरुद्वारा श्री हरमंदिर जी पटना साहिब तक नगर कीर्तन के रूप में ले जाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह नौ दिवसीय यात्रा लगभग 1500 किलोमीटर लंबी होगी, जो दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर गुज़रेगी. इस दौरान लाखों श्रद्धालु इन पवित्र अवशेषों के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे.
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हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जोड़े साहिब को पटना साहिब में स्थापित करने का निर्णय "आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक" है. गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान होने के कारण पटना साहिब इन पवित्र अवशेषों को स्थायी रूप से स्थापित करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान है. गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का दाहिना जूता लगभग 11 इंच लंबा और माता साहिब कौर जी का बायाँ जूता लगभग 9 इंच लंबा है. ये दोनों पवित्र जोड़े पिछले लगभग 300 वर्षों से पुरी परिवार की देखरेख में सुरक्षित हैं.
विशेषज्ञों ने अवशेषों की जांच की
पुरी परिवार के अनुरोध पर संस्कृति मंत्रालय के अधीन विशेषज्ञों ने इन अवशेषों की जांच की. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) द्वारा अप्रैल 2024 में कार्बन डेटिंग परीक्षण किए गए, जिनमें इनकी प्रामाणिकता की पुष्टि हुई. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की प्राचार्या प्रो. (श्रीमती) सिमरित कौर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई, जिसने सिख विद्वानों, धर्मगुरुओं और इतिहासकारों के परामर्श से इन्हें पटना साहिब में स्थापित करने की सिफारिश की.
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23 या 24 अक्टूबर को शुरू होगी यात्रा
दिवाली के बाद आरंभ होने वाला यह नगर कीर्तन 23 या 24 अक्टूबर को शुरू होगा. यात्रा के प्रमुख ठहराव स्थल फ़रीदाबाद, आगरा, बरेली, कानपुर, प्रयागराज और लखीमपुर होंगे. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कलका ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) को भी इसमें शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है. यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक होगी, बल्कि गुरु गोबिंद सिंह जी की भक्ति, सेवा और एकता के संदेश को भी पुनर्जीवित करेगी.