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Ground Report: अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटे गांवों ने कसी कमर! युवा-बुजुर्गों को दी जा रही है ट्रेनिंग

पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच गुरदासपुर से कई गांव वालों ने अपने-अपने स्तर पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी मद्देनजर गांव के युवाओं और बुजुर्गों को ट्रेनिंग दी जा रही है. गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है.

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धमाके से खेत में हुआ गड्ढा.
धमाके से खेत में हुआ गड्ढा.

पाकिस्तान ने पंजाब के कई शहरों को अपने निशाना पर ले लिया है, जिसमें गुरदासपुर भी शामिल है. हालांकि, पाकिस्तान के सभी हमलों को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है और PAK को मुंहतोड़ जवाब दिया है. इसी बीच, सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने की अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं, जहां युवाओं और बुजुर्गों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही इलाके की सरपंच ने गांव के लोगों को जरूरी सामान स्टोर करने की सलाह दी है. आइए जानतें इस रिपोर्ट से ग्राउंड जीरो पर कैसे हैं हालात.

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दरअसल, शनिवार सुबह तड़के गुरदासपुर के एक गांव में पाकिस्तानी धमाकों से लोगों की नंदी टूटी. धमाका इतना भीषण था कि खेत में 30 फीट चौड़ा और 15 फीट गहरा गड्ढा हो गया. इस धमाके से आसपास के घरों के शीशे और बिजली के तार टूट गए. इसके के मद्देनजर ग्रामीणों ने अपने-अपने स्तर पर युद्ध में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

जानकारी के अनुसार, इस इलाके में मौजूद ज्यादातर घरों ने बीते दशकों में युद्ध को करीब से देखा है या इन घरों का कोई न कोई सदस्य आर्मी में है. यही वजह है कि गुरदासपुर के कई गांव वालों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.

गांव की सरपंच निर्माला देवी न सिर्फ खुद बल्कि अपने आस पड़ोस में सभी को राशन, पानी और जरूरत का सामान घर में पहले से ही स्टोर करने को कहा है. जबकि गांव में रहने वाले पूर्व सैनिकों ने बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों को युद्ध में बचाव की ट्रेनिंग दे रहे हैं, क्योंकि अगर गांव पर कोई हमला होता है तो किस तरह अपना और अपने परिवार का बचाव करें.

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'PAK को सबक सीखाने का आ गया है वक्त'

गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है और युद्ध होता है तो वो लोग अपने गांव में ही रहेंगे, गांव छोड़ के कहीं नहीं जाएंगे.

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