पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के लाभपुर प्रखंड स्थित हटिया गांव में शुक्रवार देर रात हुए बम विस्फोट में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की. झड़प कल रात शुरू हुई जो शनिवार सुबह तक चली. ऐसा माना जा रहा है कि यह विस्फोट दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच बढ़ती हिंसा का परिणाम है, जो कथित रूप से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं तथा स्थानीय प्रभुत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बम विस्फोट दो गुटों के बीच भीषण झड़प के दौरान हुआ. पूरे दिन तनाव बना रहा क्योंकि प्रतिद्वंद्वी समूह, जो लंबे समय से हिंसक टकरावों में उलझे हुए हैं, कई झड़पों में उलझे रहे. बीरभूम का हटिया गाँव नकली सिक्के की धोखाधड़ी के लिए मशहूर है. इसे कॉइन गैंग के नाम से जाना जाता है. इसी गिरोह के दो गुटों में गांव पर आधिपत्य जमाने को लेकर झड़प हुई.
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कॉइन गैंग के शेख मोइनुद्दीन और उसके सहयोगी शेख मुस्तफी की नकली सिक्का बेचने वालों के मुखिया शेख मुनीर के साथ संघर्ष हुआ. हटिया बस स्टैंड के पास दोनों गुटों के बीच भीषण लड़ाई हुई. दोनों गुटों की ओर से एक दूसरे पर जमकर बम फेंके गए. विस्फोट में कई लोग घायल हो गए. उनमें से दो की मौत हो गई. मृतक स्थानीय निवासी रेजाउल खान के भतीजे और तृणमूल नेता शेख बादल के बेटे हैं. घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमनदीप ने मौतों की पुष्टि की और कहा कि फिलहाल औपचारिक जांच चल रही है. पिछले साल इसी इलाके से भारी हथियार बरामद हुए थे और पुलिस के साथ अपराधियों की झड़प भी हुई थी. हटिया गांव के कुछ लोग नकली सिक्कों को प्राचीन सिक्के बताकर धोखाधड़ी के लिए जाने जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि शेख मुनीर ने हाल ही में इलाके में अपना दबदबा कायम किया था, जिसके चलते शेख मोइनुद्दीन और शेख मुस्तफी पीछे हट गए थे. दोनों ने शुक्रवार दोपहर हटिया पर फिर से अपना आधिपत्य जमाने की कोशिश की, जिसके चलते मुनीर गैंग के साथ झड़पें हुईं.
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मोइनुद्दीन और मुस्तफी कथित तौर पर हथियारों और देसी बमों के साथ वापस लौटे और हटिया पर कब्जे की कोशिश में उनका दिन भर शेख मुनीर गैंग के साथ उनका संघर्ष बढ़ता गया और देर रात एक घातक टकराव में तब्दील हो गया. कथित तौर पर झड़प के दौरान ऐसे ही एक बम के भंडार में विस्फोट हो गया, जिसके चलते दो लोगों की मौतें हुईं. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और हिंसा रोकने के लिए हटिया गांव में भारी संख्या में जवान तैनात किए गए हैं. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से जांच के दौरान शांति बनाए रखने का आग्रह किया है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है.