
चुनाव आयोग ने गोपनीयता और कानूनी कारणों का हवाला देते हुए मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग (लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग) और सीसीटीवी फुटेज साझा नहीं करने की बात कही है. आयोग के द्वारा यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बार-बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान केंद्रों का अगर सीसीटीवी फुटेज शेयर करेंगे तो यह पता चल जाएगा कि किसने वोट डाला है और किसने नहीं. इससे लोगों पर दवाब बनेगा, भेदभाव होगा और डर का माहौल भी बन सकता है. जो कि लोकतंत्र के बिल्कुल ख़िलाफ होगा.
फुटेज शेयर करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन होगा. वोट देना, किसे देना और न देना यह एक निजी अधिकार है और उसकी प्राइवेसी बहुत जरूरी है.
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान केंद्रों पर रिकॉर्ड किए जाने वाले वीडियो आंतरिक निगरानी के इस्तेमाल के लिए होते हैं. इलेक्शन के मामले में कोर्ट को ये वीडियो दिए जा सकते हैं, अगर वह मांग करते हैं.
बता दें कि बीते महीने केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज चुनाव होने के प्रक्रिया के 45 दिनों के बाद नष्ट कर दें, अगर चुनाव के परिणाम को किसी ने इस समय काल के दौरान चैलेंज न दिया हो.
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इस महीने पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शाम 5 बजे के बाद सभी मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल मतदाता सूची जारी करने की मांग की थी.
राहुल गांधी ने क्या की थी मांग?
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा था कि चुनाव आयोग आप एक संवैधानिक संस्था हैं. अगर आपके पास कुछ छिपाने के लिए नहीं है तो महाराष्ट्र सहित लोकसभा चुनाव के डिजिटल, मशीन-पठनीय मतदाता सूची जारी करें. किसी भी तरह से टाल-मटोल करने से आपके विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होंगे.