भाषा विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पलटवार किया है. राहुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नहीं चाहते कि गरीब के बच्चे अंग्रेजी सीखे.
एक्स पर राहुल गांधी ने क्या किया पोस्ट?
राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया कि अंग्रेजी बांध नहीं, पुल है. अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है. अंग्रेजी जंजीर नहीं - जंजीरें तोड़ने का औजार है.
उन्होंने आगे लिखा, BJP-RSS नहीं चाहते कि गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे. वह नहीं चाहते हैं कि वह पढ़-लिखकर सवाल पूछें, आगे बढ़ें और बराबरी करें. आज के समय में अंग्रेजी उतनी ही जरूरी है जितनी आपकी मातृ भाषा - क्योंकि यही रोजगार दिलाएगी और आत्मविश्वास बढ़ाएगी.
अंग्रेज़ी बाँध नहीं, पुल है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2025
अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है।
अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं - ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है।
BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे - क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें।
आज की दुनिया में, अंग्रेज़ी उतनी ही ज़रूरी… pic.twitter.com/VUjinqD91s
राहुल ने कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है. हमें उन्हें संजोना है - और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी है. यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे.
राहुल ने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है. जिसमें वह बता रहे हैं कि अंग्रेजी एक हथियार है. आप अगर अंग्रेजी सिख जाते हैं तो कहीं भी घुस सकते हैं. अंग्रेजी आप सिख जाते हैं तो आप अमेरिका, जापान और कहीं भी जा सकते हैं. आप कहीं भी काम कर सकते हैं. अंग्रेजी के खिलाफ जो लोग हैं वो नहीं चाहते हैं कि आपको करोड़ों रुपये की नौकरी मिले. वो चाहते हैं कि दरवाजा आपके लिए बंद रहे.
अमित शाह ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि जल्द ही भारत में ऐसा समय आएगा जब अंग्रेजी बोलने वाले खुद को शर्मिंदा महसूस करेंगे. ऐसे समाज का निर्माण अब दूर नहीं है. किसी विदेशी भाषा में आप अपनी संस्कृति, धर्म और इतिहास को नहीं समझ सकते हैं. हमारे देश की भाषाएं ही हमारी गहना है. 2047 में भारत का दुनिया में शीर्ष पर रहने में हमारी भाषाओं का अहम योगदान होगा.
गृहमंत्री का ये बयान पूर्व IAS आशुतोष अग्निहोत्री द्वारा लिखी किताब के विमोचन के मौके पर दिया था.