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कर्नल सोफिया पर टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह के खिलाफ SIT ने क्या जांच की? पढ़ें SC में पेश रिपोर्ट की पूरी डिटेल

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को दी गई अंतरिम सुरक्षा को आगे बढ़ा दिया है. यह आदेश विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा सौंपे गए स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद दिया. रिपोर्ट में SIT ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. आजतक को SIT द्वारा अब तक की गई जांच की जानकारी मिली है, जो सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में दर्ज है.

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मंत्री विजय शाह की विवादास्पद टिप्पणी की जांच जारी है.
मंत्री विजय शाह की विवादास्पद टिप्पणी की जांच जारी है.

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा को आगे बढ़ा दिया है. यह मामला विजय शाह द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रेस ब्रीफिंग कर रही सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा सौंपे गए स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद दिया. रिपोर्ट में SIT ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. आजतक को SIT द्वारा अब तक की गई जांच की जानकारी मिली है, जो सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में दर्ज है.

SIT ने अब तक क्या किया?

SIT की रिपोर्ट के अनुसार, जांच बहुआयामी पहलुओं पर जारी है और फिलहाल प्रारंभिक चरण में है. अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में अभी समय लगेगा. नीचे अब तक किए गए प्रमुख जांच कार्यों का विवरण दिया गया है:

जांच की रणनीति और तैयारी: SIT ने FIR और हाईकोर्ट के आदेश का गहन अध्ययन किया. एक समग्र जांच योजना तैयार की गई. SIT सदस्य मांपुर थाने पहुंचे, केस डायरी, संबंधित दस्तावेज और जब्त की गई वस्तुएं अपने कब्जे में लीं.

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स्थल निरीक्षण और साक्ष्य संकलन: कथित विवादास्पद टिप्पणी के स्थल रायकुंडा गांव (थाना मांपुर) का दौरा किया गया और स्पॉट इंस्पेक्शन किया गया. कार्यक्रम स्थल पर मौजूद स्थानीय पत्रकार द्वारा रिकॉर्ड किया गया ओरिजिनल वीडियो फुटेज और वह मोबाइल फोन जब्त किया गया, जिससे रिकॉर्डिंग की गई थी. दो वीडियो की तुलना की गई. दोनों को एक ही स्थान और समय पर रिकॉर्ड किया गया माना गया.

गवाहों और मीडिया रिपोर्टों की जांच: कार्यक्रम में शामिल हुए सभी प्रमुख गवाहों की पहचान और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है. वीडियो, फोटो और पहले से दर्ज बयानों के आधार पर घटनास्थल पर मौजूद अन्य लोगों की पहचान की जा रही है. विजय शाह द्वारा मीडिया के समक्ष दिए गए माफीनामे और बयानों को भी संकलित कर जांच का हिस्सा बनाया गया है.

फोरेंसिक और तकनीकी जांच: पूर्व IO द्वारा तैयार किए गए ट्रांसक्रिप्ट की सत्यता की जांच वीडियो सुनकर की गई. वीडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन तकनीकी संसाधनों की कमी के कारण वह वापस लौटा दिया गया है.

अन्य समाचार और डिजिटल दस्तावेज: इस अपराध से संबंधित अन्य समाचार रिपोर्टें और डिजिटल कंटेंट भी एकत्र किए गए हैं. इन समाचारों से यह स्पष्ट होता है कि विजय शाह कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे और कथित टिप्पणी वहीं की गई.

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने SIT की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए विजय शाह को दी गई अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी है. साथ ही SIT को जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है. दरअसल, विजय शाह पर आरोप है कि उन्होंने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ सार्वजनिक कार्यक्रम में आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की थी. यह कार्यक्रम 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सेना की प्रेस ब्रीफिंग के बाद हुआ था, जहां कर्नल सोफिया तीन अधिकारियों में से एक थीं.

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