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एक्सटॉर्शन गैंग्स पर कनाडा की बड़ी स्ट्राइक, कारोबारियों को निशाना बनाने वाले 3 अपराधी डिपोर्ट

कनाडा ने एक्सटॉर्शन गैंग्स पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठित अपराध नेटवर्क से जुड़े 3 विदेशी नागरिकों को देश से बाहर निकाल दिया है और ऐसे 78 अन्य लोगों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. कनाडा ने इन गैंग्स के साथ सख्ती से निपटने के लिए BC एक्सटॉर्शन टास्क फोर्स का गठन किया है.

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एक्सटॉर्शन गैंग्स पर कनाडा की बड़ी स्ट्राइक, कारोबारियों को निशाना बनाने वाले 3 अपराधी डिपोर्ट. (File Photo: AP)
एक्सटॉर्शन गैंग्स पर कनाडा की बड़ी स्ट्राइक, कारोबारियों को निशाना बनाने वाले 3 अपराधी डिपोर्ट. (File Photo: AP)

कनाडा सरकार ने भारतीय मूल के पंजाबी व्यवसायियों को निशाना बनाने वाले एक्सटॉर्शन गैंग्स के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई की है. कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी (CBSA) ने ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में संगठित अपराध नेटवर्क से जुड़े तीन विदेशी नागरिकों को देश से बाहर कर दिया है. यह कार्रवाई नई गठित बीसी एक्सटॉर्शन टास्क फोर्स ने की है, जो आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस), स्थानीय पुलिस और CBSA के साथ कोऑर्डिनेशन में काम कर रही है.

कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी के बयान के अनुसार, ये तीनों नागरिक उगाही, फायरिंग और हिंसा की घटनाओं से जुड़े थे और मुख्य रूप से लोअर मेनलैंड क्षेत्र में पंजाबी मूल के व्यवसाय मालिकों को निशाना बना रहे थे. एजेंसी ने ऐसे 78 अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान भी की है, जिनके खिलाफ संगठित अपराध से जुड़ी अवैध गतिविधियों के संदेह में इमिग्रेशन जांच शुरू कर दी गई है. इनमें से कई के लिए कनाडा में नो एंट्री घोषित किया जा सकता है. हालांकि, डिपोर्ट किए गए विदेशी नागरिकों की पहचान, राष्ट्रीयता गोपनीय रखा गया है.

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सरे में इस साल एक्सटॉर्शन की 65 घटनाएं

इस साल ब्रिटिश कोलंबिया में एक्सटॉर्शन की घटनाओं में भारी उछाल आया है. सरे पुलिस के अनुसार, 2025 में सरे में ही एक्सटॉर्शन के 65 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 35 में गोलीबारी की घटना शामिल थी. अपराधी सोशल मीडिया के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में एक्सटॉर्शन की मांग करते हैं और मना करने पर हिंसा का सहारा लेते हैं. इनमें से कई घटनाएं भारतीय गैंग से जुड़ी हैं. सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार और रोहित गोदारा जैसे सिंडिकेट्स की भूमिका प्रमुख है. कनाडा सरकार ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था, लेकिन उसके सदस्यों की आपराधिक गतिविधियां रुकी नहीं हैं.

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ओंटारियो के ब्रैम्पटन जैसे इलाकों में, जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, इन गैंग्स की वारदातें बढ़ी हैं. हाल ही में, ब्रिटिश कोलंबिया के एबॉट्सफोर्ड में भारतीय मूल के व्यवसायी दर्शन सिंह सासी की हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली. इसी तरह, सरे में स्टैंड-अप कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैफे-रेस्टोरेंट पर भी फायरिंग हुई थी. इन घटनाओं ने प्रवासी समुदाय में दहशत फैला दी है.

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इस साल सितंबर में बीसी एक्सटॉर्शन टास्क फोर्स गठित की गई थी, जिसमें 40 सदस्य शामिल हैं. यह टास्क फोर्स इंटरनेशनल एक्सटॉर्शन नेटवर्क को तोड़ने के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग और लॉ एंफोर्समेंट पर फोकस कर रही है. पब्लिक सेफ्टी मिनिस्टर नीना क्राइगर ने कहा, 'जो हिंसा और एक्सटॉर्शन से लोगों को डराते हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और अगर वे कनाडाई नागरिक नहीं हैं, तो देश से निकाल दिया जाएगा.' आरसीएमपी के नेशनल कोऑर्डिनेशन एंड सपोर्ट टीम (NCST) भी ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा और ओंटारियो में कोऑर्डिनेट कर रही है.

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