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BCAS ने जारी किए नए दिशा-निर्देश, फ्लाइट्स में बम की धमकियों की गंभीरता से होगी जांच

पिछले दिनों से भारतीय फ्लाइट्स में बम होने की मिल रही फर्जी धमकियों को ध्यान में रखते हुए नागरिक उड्डयन ब्यूरो (BSAS) ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अब

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फ्लाइट्स को धमकियां मिलने के बाद मंत्रालय सख्त (प्रतीकात्मक तस्वीर)
फ्लाइट्स को धमकियां मिलने के बाद मंत्रालय सख्त (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय फ्लाइट्स में बम होने की धमकी की गंभीरता का आकलन करने के लिए नागरिक उड्डयन ब्यूरो ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे सुरक्षित हवाई यात्रा में सुधार किया जा सके. अब सोशल मीडिया पर धमकी देने वाले का नाम जियोपोलिटिक्स स्थिति और विमान में वीआईपी उपस्थिति का भी आकलन करने आदि का भी ध्यान रखा जाएगा. 

नागरिक उड्डयन ब्यूरो (BSAS) ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए हाल के वक्त में पैदा हुईं स्थिति को ध्यान में रखते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश विशेष रूप से कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए मिली फर्जी बम धमकियां जारी रहने के मामले में जारी की गई हैं.

नए दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि एक बहुस्तीय समिति सोशल मीडिया पर दी गई धमकी की विश्वसनीयता और गंभीरता का आकलन करेगी. समिति खतरों का विश्लेषण करेगी और देखेगी कि क्या धमकी देने वाला व्यक्ति किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा है या नहीं. उन्होंने कहा कि कुछ खुफिया और जांच एजेंसियों की साइबर शाखाएं अब बीटीएसी के साथ भी काम कर रही हैं.

पिछले दो हफ्ते में 510 विमानों को मिली धमकियां

पिछले दो हफ्तों में 510 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं जो बाद में अफवाह निकलीं थीं. धमकियां ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुमनाम हैंडल के माध्यम से जारी की गईं. इससे एयरलाइंस के लिए बड़ा परिचालन और वित्तीय संकट पैदा हो गया है.

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मौजूदा वक्त में किसी एक नामित हवाई अड्डे पर एक बम धमकी आकलन समिति (बीटीएसी) बुलाई जाती है जो एयरलाइन, हवाई अड्डे या विमानन इकोसिस्टम के किसी भी हिस्से के खिलाफ जारी किए गए बम या सुरक्षा खतरे का विश्लेषण करती है. इस समिति में बीसीएएस, सीआईएसएफ, स्थानीय पुलिस, हवाईअड्डा संचालक और एयरलाइन अधिकारी और कुछ अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

बीटीएसी भारतीय विमानन क्षेत्र, इसकी संपत्तियों और मानव संसाधनों पर बम, तोड़फोड़ और अपहरण के खतरों से निपटने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा बनाई गई साल 2014 की बम खतरा आकस्मिकता योजना (बीटीसीपी) का हिस्सा है.

पीटीआई ने पहली बार 22 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी कि विभिन्न भारतीय एयरलाइनों को दिए जा रहे "रैनडम" इंटरनेट बेस्ड बम धमकियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए भारतीय विमानन सुरक्षा नियामकों और एजेंसियों द्वारा बीटीएसी के प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया था.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, 19 अक्टूबर को अधिसूचित नए दिशानिर्देशों के अनुसार, खतरों का आकलन करने और सोशल मीडिया पर जारी ऐसे खतरों की "विश्वसनीयता और गंभीरता" निर्धारित करने के लिए "बहुस्तरीय" दृष्टिकोण अपनाएगा और खुद को "विश्वसनीयता" के बारे में संतुष्ट करेगा.

400 से ज्यादा धमकियां निकलीं फर्जी

एक वरिष्ठ विमानन सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इन नए दिशानिर्देशों को लागू कर दिया गया है और इसके कारण पिछले कुछ दिनों में 400 से अधिक उड़ानों में बम की धमकियों को अफवाह घोषित कर दिया गया है.

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नए प्रोटोकॉल के अनुसार, समिति धमकी देने वाले व्यक्ति या संगठन की पहचान स्थापित करेगी, यह देखने के लिए उनकी साख की जांच करेगी कि क्या वे किसी आतंकवादी या प्रतिबंधित संगठन से हैं, मकसद और विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का पता लगाएगी। देश या दुनिया भर में जो खतरे से जुड़ा हो सकता है.

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