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'पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों की टांगें तोड़ देंगे...', असम CM का बयान, राज्य से 3 और गिरफ्तार

many arrested after defending pakistan on pahalgam attack: असम में पाकिस्तान के समर्थन में बयान देने पर अब तक 42 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने चेतावनी दी कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' बोलने वालों की टांगें तोड़ी जाएंगी. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद तेज की गई है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.

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हिमंत बिस्वा सरमा- फाइल फोटो
हिमंत बिस्वा सरमा- फाइल फोटो

पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले के बाद असम में पाकिस्तान के समर्थन में बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. अब तक राज्य भर से कुल 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य से तीन और गिरफ्तारियां हुई हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने चेतावनी दी कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' बोलने वालों की टांगें तोड़ी जाएंगी.

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असम में फिर तीन गिरफ्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि ताजा कार्रवाई में बारपेटा, होजाई और चिरांग जिलों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने लिखा, 'भारतीय भूमि पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले गद्दारों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. अब तक कुल 42 राष्ट्रविरोधी तत्वों को जेल भेजा गया है.'

विधायक भी हो चुके हैं गिरफ्तार
इससे पहले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन पर पाकिस्तान और पहलगाम हमले में उसकी संलिप्तता को लेकर कथित तौर पर समर्थन जताने का आरोप है.

'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना के लिए प्रार्थना करे जनता'
मुख्यमंत्री सरमा ने शुक्रवार को एक चुनावी रैली में कहा था कि अगर कोई 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाएगा, तो उसकी टांगें तोड़ दी जाएंगी. उन्होंने जनता से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना के लिए प्रार्थना करें, ताकि जो भी पाकिस्तानी आतंकी दुनिया में कहीं भी छिपे हों, उन्हें ढूंढकर सजा दी जा सके.

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गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसारन इलाके में एक भयानक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में अधिकतर पर्यटक थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है.

सरकार ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और देश की सुरक्षा सर्वोपरि है.

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