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पहलगाम आतंकी हमले के बाद असम में ‘देशविरोधी पोस्ट’ करने वालों पर एक्शन, अब तक 94 गिरफ्तार

पहलगाम आतंकी हमले के बाद असम सरकार ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट करने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर चल रहे इस राज्यव्यापी क्रैकडाउन में अब तक 94 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ताजा मामला नलबाड़ी का है, जहां एक युवक को अलग-अलग सिम कार्ड्स से फेसबुक पर ‘प्रो-पाकिस्तान’ और भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में दबोचा गया.

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अब तक 94 लोग गिरफ्तार. (Representational image)
अब तक 94 लोग गिरफ्तार. (Representational image)

पहलगाम आतंकी हमले के बाद असम सरकार ने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट डालने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. राज्य में अब तक ऐसे 94 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हाल ही में एक और व्यक्ति को नलबाड़ी से पकड़ा गया है, जो फर्जी सिम कार्ड्स से फेसबुक पर ‘प्रो-पाकिस्तान’ कंटेंट पोस्ट कर रहा था. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की जानकारी दी.

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एजेंसी के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को बताया कि नलबाड़ी जिले से सफीकुल हक नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल कर फेसबुक पर पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट कर रहा था. 

सरमा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- 'राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. पुलिस ने सफीकुल हक को गिरफ्तार किया है, जो फेसबुक पर पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट करने के लिए अलग-अलग सिम का इस्तेमाल कर रहा था.

यह भी पढ़ें: जेल से छूटते ही निकाला जुलूस, पाकिस्तान जिंदाबाद के लगे नारे... पुलिस ने 3 को किया अरेस्ट, चौकी इंचार्ज सस्पेंड

सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में देशद्रोहियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और किसी को बख्शा नहीं जाएगा. इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन लोगों को इन मामलों में गिरफ्तार किया गया है, उनमें से कुछ पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया जाएगा.

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गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम को भी पाकिस्तान का पक्ष लेने और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कथित तौर पर भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन इसके बाद उन पर NSA के तहत दोबारा मामला दर्ज किया गया.

अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई नागरिकों की मौत हुई थी, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन की भूमिका सामने आई थी. इसके बाद असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक पोस्ट सामने आने लगे. इसी को लेकर असम पुलिस ने निगरानी तेज कर दी है.

असम में सोशल मीडिया पर ‘देशविरोधी गतिविधियों’ को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपना रखा है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा खुद इस मॉनिटरिंग की निगरानी कर रहे हैं. NSA जैसे सख्त कानूनों के इस्तेमाल से सरकार यह संदेश देना चाह रही है कि देश की एकता और सुरक्षा के खिलाफ कोई भी बयान या पोस्ट बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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