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महाविकास अघाड़ी में खलबली! BMC चुनाव अकेले लड़ेगी कांग्रेस, उद्धव बोले- हम भी फैसले लेने को आजाद

बीएमसी चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा अकेले लड़ने के संकेत पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि दोनों पार्टियां स्वतंत्र हैं. उन्होंने बिहार चुनावों के जनादेश और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए. ठाकरे ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता और बीजेपी पर क्षेत्रीय पार्टियों को कमजोर करने की साज़िश का आरोप भी लगाया.

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उद्धव ठाकरे ने बिहार नतीजों पर भी सवाल उठाए. (Photo- ITG)
उद्धव ठाकरे ने बिहार नतीजों पर भी सवाल उठाए. (Photo- ITG)

मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव अकेले लड़ने की कांग्रेस की घोषणा के एक दिन बाद, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि कांग्रेस अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है और उनकी पार्टी भी ऐसा ही करने को आजाद है. 

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद ठाकरे का यह बयान, गठबंधन में बढ़ती असहमति की ओर इशारा करता है.कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ ने शनिवार को घोषणा की थी कि पार्टी आगामी BMC चुनावों की तैयारी अकेले लड़ने की कर रही है.

उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, "कांग्रेस एक स्वतंत्र पार्टी है, और मेरी पार्टी भी. कांग्रेस अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है, और मेरी पार्टी भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है." ठाकरे का यह राजनीतिक रुख, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे (MNS) को विपक्षी गुट में शामिल करने को लेकर कांग्रेस के एक वर्ग द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बीच आया है.

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बिहार चुनाव और चुनाव आयोग पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार चुनाव में NDA को मिले भारी जनादेश पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के नए गणित को समझना मुश्किल है, जहां विपक्षी नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन उम्मीदवार जीत नहीं पाते.

उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर परोक्ष रूप से सवाल उठाते हुए पूछा कि RJD नेता तेजस्वी यादव को मिला भारी समर्थन वास्तविक था या Artificial Intelligence के माध्यम से 'तैयार' किया गया था.

ठाकरे ने चुनाव आयोग (ECI) को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में अनियमितताओं को उजागर करने और मार्च निकालने के बावजूद, चुनाव निकाय इन मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार नहीं है. 

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उन्होंने पूछा, "हम चुनाव का विरोध नहीं करते क्योंकि यह राजनीति की सीमा रेखा है. लेकिन अगर चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है तो क्या इसे लोकतंत्र कहा जाना चाहिए?" उन्होंने भाजपा पर क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की साज़िश रचने का भी आरोप लगाया और चेतावनी दी कि क्षेत्रीय गौरव को कुचलने वाली कोई भी पार्टी देश में टिक नहीं पाएगी.

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(PTI इनपुट्स के साथ)

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