महाराष्ट्र में सरकार गठन पर शिवसेना की कोशिशों को झटका लगा है और फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है. ये हालात इसलिए बने हैं क्योंकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने औपचारिक तौर पर शिवसेना को समर्थन नहीं दिया है, जिसकी वह उम्मीद कर रही थी. हालांकि, मंगलवार को मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी की बैठक से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को कॉल किया गया और चिंता न करने के लिए कहा गया.
मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में हुई इस बैठक में एनसीपी नेता शरद पवार के अलावा दिल्ली से गए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल भी शामिल थे. मीटिंग के बाद शरद पवार और अहमद पटेल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन इससे पहले मीटिंग से ही पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण और शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को फोन कॉल किया.
हालांकि, उद्धव ठाकरे से बात नहीं हो पाई क्योंकि वह रिजॉर्ट में अपने विधायकों के साथ व्यस्त थे. इसके बाद जब उद्धव ने कॉल बैक किया तो उनकी पहले शरद पवार और फिर अहमद पटेल से बात हुई.
अहमद पटेल ने दिलाया उद्धव को भरोसा
जानकारी के मुताबिक, अहमद पटेल ने उद्धव ठाकरे से बातचीत में उन्हें भरोसा दिलाया और चिंता न करने की बात कही. पटेल ने उद्धव से कहा कि अभी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा होनी है, जिसमें वक्त लग रहा है, इसलिए डोन्ट वरी.
उद्धव ठाकरे से इस बातचीत के बाद ही शरद पवार और अहमद पटेल ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. दोनों नेताओं ने बताया कि अभी कांग्रेस और एनसीपी के बीच कई मसलों पर चर्चा होनी है और दोनों दलों की बात जब फाइनल हो जाएगी तो फिर शिवसेना से बात की जाएगी.
ऐसे में अब देखना है कि कांग्रेस और एनसीपी किस मिनिमम प्रोग्राम को फाइनल करती है और कब तक और किस फॉर्मूले से महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार बन पाती है.