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यवतमाल: खेत में काम करने गई थी महिला, घात लगाकर बैठे बाघ का बन गई शिकार

पांढरकवड़ा डिवीजन के उपवन सौरक्षक सुभाष डुमरे ने आजतक से बातचीत में बताया कि पाटणबोरी गांव के पास 2 किमी दूरी पर स्थित अंधारवाडी गांव में 68 वर्षीय महिला पर एक बाघ ने हमला किया था जिसमें उसकी मौत हो गई. महिला का नाम लक्ष्मीबाई भीमराव दलांजे है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पांढरकवड़ा जंगल रेंज में पंद्रह दिनों में बाघ ने दो गांव वालों पर किया हमला
  • दो साल पहले इसी इलाके में अवनी बाघिन ने 13 लोगों को शिकार बनाया था
  • वन विभाग से गांव वालों ने लगाई गुहार- तुरंत करो बाघ को पकड़ने का प्रबंध

महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के पांढरकवड़ा जंगल रेंज में शनिवार दोपहर को एक महिला पर बाघ ने तब हमला किया जब वो कुछ महिलाओं के साथ खेत में काम करने गई थी. पांढरकवड़ा डिवीजन के उपवन सौरक्षक सुभाष डुमरे ने आजतक से बातचीत में बताया कि पाटणबोरी गांव के पास 2 किमी दूरी पर स्थित अंधारवाडी गांव में 68 वर्षीय महिला पर एक बाघ ने हमला किया था जिसमें उसकी मौत हो गई. महिला का नाम लक्ष्मीबाई भीमराव दलांजे है. अंधारवाडी गांव वालों के मुताबिक दो साल पहले अवनी बाघिन और उसके दो शावकों को ढूंढने वाली टीम में लक्ष्मीबाई का बेटा भी काम कर रहा था.

जानकारी के मुताबिक शनिवार दोपहर 2 बजे के दरमियान खेत में काम कर रही लक्ष्मीबाई पर घात लगाए बैठे बाघ ने हमला कर दिया था. इस हमले में लक्ष्मीबाई की मौत हो गई. खेत में काम कर रही अन्य महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर बाकी लोग घटनास्थल पर आ गए जिसके बाद बाघ वहां से भाग गया.

जिसके बाद गांव वालों द्वारा महिला की लाश को उठाकर खेत से बाहर लाया गया. इस घटना से इलाके के लोगों में डर फैल गया है. गांव वालों द्वारा वन विभाग के प्रति रोष भी व्यक्त किया जा रहा है. इससे पूर्व भी इसी इलाके में बाघ ने एक युवक पर हमला कर जख्मी कर दिया था, तभी से गांव वालों ने वन विभाग से बाघ को पकड़ने की मांग की थी. 

उपवन सौरक्षक सुभाष डुमरे ने इस बाघ को ट्रैक कर उसे ट्रंकुलाइज कर पकड़ने के प्रयास शुरू होने की बात कही है और लोगों को सावधान रहने की सूचना भी दी है. उपवन सौरक्षक ने कहा है कि सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ही खेत में काम करने जाएं और अकेले बाहर न जाएं. बता दें कि पांढरकवडा रेंज में जुलाई 2020 से ही इलाके में बाघ का वास दिखाई दे रहा है, अब तक 12 जानवर और 2 लोगों पर बाघ ने हमला किया है.

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शनिवार को हुई इस घटना से साल 2017-18 में अवनी T1 बाघिन की याद ताजा हो गई है. अवनी यानी T1 को पकड़ने के लिए वन विभाग को पूरे डेढ़ साल लग गए थे. इस दरमियान अवनी ने 13 जिंदगियों को मौत के घाट उतारा था और कई जानवरों को अपना शिकार बनाया था.

हैदराबाद के प्रसिद्ध शिकारी नवाब शाफत अली खान और उनके पुत्र नवाब असगर अली खान ने अवनी को गोलियों से भून डाला था. जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों ने अवनी की हत्या किए जाने की बात कह कर अपना विरोध दर्ज कराया था. लेकिन इसके विपरीत पांढरकवड़ा रेंज के रालेगांव तहसील के सावरखेड़ गांव के कुछ लोगों ने नवाब पिता-पुत्र का सत्कार किया था.

 

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