पुणे पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने खुद को 'गॉडवुमन' बताकर एक एनआरआई परिवार से 14 करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस ने इस मामले में वेदिका कुनाल पंढरपुर, उसके पति कुनाल वैजनाथ पंढरपुरकर और सहयोगी दीपक जनार्दन खडके को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी नासिक क्षेत्र से हुई, जबकि वेदिका की मां और भाई अभी फरार हैं.
झूठे चमत्कार और दैवी शक्ति का झांसा
शिकायतकर्ता दीपक डोलस, जो पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर हैं और वे इंग्लैंड में रहते थे. वे साल 2010 में अपनी दो बीमार बेटियों के इलाज के लिए भारत लौटे थे. इसी दौरान धार्मिक आयोजनों में उनकी मुलाकात आरोपी दीपक खडके से हुई, जिसने उन्हें वेदिका से मिलवाया. खुद को 'गॉडवुमन' बताने वाली वेदिका ने दावा किया कि उसकी दैवी शक्ति से उनकी बेटियां ठीक हो जाएंगी.
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'धन का श्राप' और 'वास्तु दोष' का भय
धीरे-धीरे वेदिका ने दंपति का भरोसा जीत लिया और कहा कि उनकी बेटियों की बीमारी उनकी 'अधिक संपत्ति' का श्राप है. उसने समझाया कि अगर उन्होंने संपत्तियां नहीं बेचीं, तो परिवार पर मौत का साया मंडरा सकता है. डर और विश्वास के बीच फंसे दंपति ने इंग्लैंड का घर और कोंकण-सासवड की जमीन बेचकर करीब 14 करोड़ रुपये उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए.
ठगी का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई
जब बेटियों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो डोलस को एहसास हुआ कि वे ठगे गए हैं. उन्होंने पुणे पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. क्राइम ब्रांच ने साइबर और बैंक रिकॉर्ड के जरिए आरोपियों का पता लगाया और नासिक से तीनों को गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस उनकी जमानत और धन के ट्रांजैक्शन की गहन जांच कर रही है.