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स्कूल पहुंचने में 10 मिनट लेट..., टीचर ने लगवाई 100 उठक बैठक, बच्ची की मौत

वसई में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां स्कूल में 10 मिनट देर से पहुंचने पर दी गई 100 उठक-बैठक की सजा ने 13 वर्षीय छात्रा अंशिका गौड़ की जान ले ली. सजा के बाद उसकी हालत बिगड़ती गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मनसे ने स्कूल पर ताला लगाकर कार्रवाई की मांग की, जबकि स्कूल प्रबंधन ने शिक्षिका को हटाने और कुपोषण का दावा किया है. परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है.

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टीचर ने लगवाई 100 उठक बैठक, स्कूली छात्रा की मौत (Photo: itg)
टीचर ने लगवाई 100 उठक बैठक, स्कूली छात्रा की मौत (Photo: itg)

बीते 14 नवंबर को जब देशभर में बाल दिवस उत्साह के साथ मनाया जा रहा था, वहीं वसई में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. चिल्ड्रन डे के दिन ही स्कूल में 10 मिनट देर से आने पर एक शिक्षिका ने छात्रा को 100 उठक-बैठक लगाने की सजा दी. इससे उसकी हालत खराब हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

यह घटना वसई पश्चिम के सातीवली इलाके में स्थित एक स्कूल में हुई. 6ठी कक्षा में पढ़ने वाली 13 साल की अंशिका गौड़ हमेशा की तरह स्कूल गई थी. लेकिन उस दिन उसे स्कूल पहुंचने में 10 मिनट की देरी हुई.

टीचर्स ने अंशिका समेत 2-4 बच्चों को कक्षा से बाहर निकाल लिया और उठक-बैठक की सजा दी. किसी ने 10 किए, किसी ने 20, लेकिन अंशिका डर के कारण 100 उठक-बैठक कर गई. इसके बाद अगले ही दिन से अंशिका की तबीयत बिगड़ने लगी. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. वसई पश्चिम के आस्था हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था. इस दौरान उसकी हालत गंभीर होती गई, इसलिए उसे मुंबई रेफर किया गया, लेकिन कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई.

इस घटना के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आक्रामक रुख अपनाया है. मनसे कार्यकर्ताओं ने स्कूल जाकर जवाब-तलब किया और स्कूल पर ताला लगा दिया. मनसे ने जब तक सजा देने वाली शिक्षिका पर मामला दर्ज नहीं होगा, तब तक ताला नहीं खोलने का ऐलान किया है.

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दूसरी तरफ, यह भी बताया जा रहा है कि यह स्कूल बिना किसी सरकारी मान्यता के अनधिकृत रूप से चल रहा था. उधर, स्कूल के संचालक  रामाश्रय यादव का कहना है कि स्कूल की टीचर ममता तिवारी को नौकरी से निकाल दिया गया है. साथ ही स्कूल की ओर से बच्ची के कुपोषण की चरम सीमा पर होने का दावा भी  किया है

पुलिस ने अभी तक इस पूरे मामले में किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है, बस जांच शुरू कर दी है. लड़की की मां शिला गौड  ने मांग की है कि उनकी बेटी को जल्द से जल्द न्याय मिले. पीडित की मां ने कहा है कि बेटी न तो बीमार थी न ही कुपोषण के शिकार थी. मेरी बेटी को न्याय दो.
 

Input: प्रवीन नवलाडे

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