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अबू आजमी का विवादित बयान, वारकारी सम्प्रदाय के पालकी समारोह की तुलना सड़कों पर नमाज पढ़ने से की

इससे पहले भी अबू आसिम आजमी के औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले बयान पर राजनीतिक बवाल मचा था. तब आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के तत्कालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. सत्र के दौरान उनकी टिप्पणियां चर्चा का विषय रहीं.

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समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख और मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अबू आसिम आजमी. (PTI/File Photo)
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख और मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अबू आसिम आजमी. (PTI/File Photo)

समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख और मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अबू आसिम आजमी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. सोलापुर दौरे पर आए आजमी ने सदियों पुराने तीर्थस्थल 'पंढरपुर वारी' तक निकलने वाली वारकारी सम्प्रदाय के पालकी समारोह की तुलना सड़क पर नमाज पढ़ने से की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के पासपोर्ट रद्द करने की टिप्पणी का हवाला देते हुए आजमी ने कहा, 'कई हिंदू त्यौहार सड़कों पर मनाए जाते हैं. लेकिन कोई भी मुस्लिम व्यक्ति हिंदू त्यौहारों के खिलाफ शिकायत नहीं करता. लेकिन जब कोई मुस्लिम दस मिनट के लिए सड़क पर नमाज पढ़ता है, तो शिकायत की जाती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की धमकी दे रहे हैं. पुणे से निकलते समय मुझे कहा गया कि जल्दी चले जाओ, नहीं तो वारकारी सम्प्रदाय के पालकी समारोह के कारण सड़कें बंद हो जाएंगी.'

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इससे पहले भी अबू आसिम आजमी के औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले बयान पर राजनीतिक बवाल मचा था. तब आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा के तत्कालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. सत्र के दौरान उनकी टिप्पणियां चर्चा का विषय रहीं. महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र 30 जून से शुरू होने की संभावना है. वारकरी आंदोलन पर आजमी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'आजमी प्रचार पाने के लिए ऐसी टिप्पणियां करते हैं. मैं उन पर ध्यान नहीं देना चाहता.' देवेंद्र फडणवीस को जवाब देते हुए आजमी ने कहा, 'मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. मैं हिंदू त्योहारों का स्वागत करने के लिए तैयार हूं, लेकिन अगर जगह की कमी के कारण मुसलमान 10 मिनट के लिए सड़क पर नमाज़ पढ़ते हैं, तो नाराजगी होती है.' अबू आजमी ने इस मौके पर कहा कि वह मराठी की इज्जत करते हैं. मराठी का सम्मान होना चाहिए लेकिन हिंदी का अपमान नहीं. उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं पर हमला बोलते हुए कि वे झगड़ा खड़ा कराने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वोट मिल जाएं. वे छुटभैए नेता (मनसे) हैं.

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यह भी पढ़ें: 'हिंदू त्योहारों से रास्ता बंद होता है, लेकिन हम चुप रहते हैं', पंढरपुर यात्रा पर अबू आज़मी का विवादित बयान

क्या हम हज यात्रा पर सवाल उठाएं तो ठीक रहेगा: नितेश राणे

शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, 'आजमी दो समुदायों में अशांति पैदा करने के लिए इस तरह के राष्ट्र विरोधी बयान दे रहे हैं. ऐसे लोगों के वोट देने और चुनाव लड़ने के अधिकार छीन लिए जाने चाहिए. ये लोग नेता बनकर काम कर रहे हैं.' महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने आजमी कि टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि क्या हज यात्रा पर सवाल उठाना ठीक रहेगा? उन्होंने कहा, 'अगर हमारा महाकुंभ, हमारी वारी शुरू होती है, तो उन्हें इस पर आपत्ति होती है. हमारी वारी साल भर नहीं चलती, लेकिन हर शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं. हम इसे यहां बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर हम कल हज यात्रा के बारे में सवाल उठाते हैं, तो क्या यह ठीक रहेगा? किसी को भी वारी के बारे में बात करने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए. हमारी वारी ऐसे ही चलती रहेगी.' 

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि वह वारी पर टिप्पणी के लिए आजमी को नोटिस जारी करेंगे. उन्होंने कहा कि वारी के बारे में अबू आजमी का बयान अनुचित है और इससे दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा होगी. प्यारे खान ने कहा, 'हम अबू आजमी को उनके बयान के संबंध में धारा 10 के तहत नोटिस जारी करेंगे. इसके अलावा, यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें आयोग के समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहेंगे. अगर वारी के बारे में अबू आजमी के बयान से महाराष्ट्र में कहीं भी दंगे भड़कते हैं, तो उनके खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाएगा.'

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पंढरपुर वारी क्या है?

हर साल, महाराष्ट्र भर से हजारों भक्त पंढरपुर वारी नामक आध्यात्मिक यात्रा पर निकलते हैं. यह भगवान विट्ठल के सम्मान में सदियों पुरानी तीर्थयात्रा है. वारी की शुरुआत देहू और आलंदी शहरों से होती है, जो दो महान संतों- संत तुकाराम महाराज और संत ज्ञानेश्वर महाराज के घर हैं. तीर्थयात्रा का समापन आषाढ़ी एकादशी के शुभ दिन पवित्र शहर पंढरपुर में होता है.

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