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मध्य प्रदेश से PAK पहुंच गया भारतीय शख्स, 3 महीने रहा, ऐसे हुई वतन वापसी

तीन महीने पहले जब वीर सिंह घर से गया, तो वापस नहीं आया. परिजन भी उसकी वापस लौटने की उम्मीद छोड़ चुके थे. तभी शनिवार को परिजनों के पास पुलिस का फोन आया तो उनके होश उड़ गए.

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वीर सिंह के परिजनों की आर्थिक मदद करते कांग्रेस विधायक
वीर सिंह के परिजनों की आर्थिक मदद करते कांग्रेस विधायक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गलती से पाकिस्तान चला गया था वीर सिंह
  • तीन महीने के बाद हुई वतन वापसी

मध्य प्रदेश के खरगोन से पाकिस्तान पहुंचे 35 वर्षीय वीर सिंह को घर लाने की कवायद शुरू हो गई है. बड़वाह के कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने परिजनों को पैसा और गाड़ी मुहैया कराया है. अब वीर सिंह के भाई और गांव के सरपंच, राजस्थान के श्रीगंगानगर जाएंगे और वीर सिंह को वापस लेकर आएंगे.

खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर बेड़िया थाना क्षेत्र के ग्राम नवलट का रहने वाला 35 वर्षीय वीर सिंह तीन महीने पहले अचानक लापता हो गया था. तब परिजनों ने बेडिय़ा थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. परिजनों ने मुताबिक, वो बचपन से मंदबुद्धि है, कहीं पर भी चला जाता था और फिर वापस लौट आता था.

तीन महीने पहले जब वीर सिंह घर से गया, तो वापस नहीं आया. परिजन भी उसकी वापस लौटने की उम्मीद छोड़ चुके थे. तभी शनिवार को परिजनों के पास पुलिस का फोन आया तो उनके होश उड़ गए. दो लड़कियों का पिता वीरसिंह गलती से राजस्थान से होते हुए भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर पड़ोसी मुल्क चला गया था.

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने वीर सिंह को पकड़कर पूछताछ की. वीर सिंह तो मिल गया, लेकिन उसे लेकर आने के लिए परिजनों के पास संसाधन नहीं थे. जब उनकी यह मजबूरी बड़वा के कांग्रेस विधायक सचिन बिरला को पता चली तो उन्होंने श्रीगंगानगर से वीर सिंह को लाने के लिए सभी मदद मुहैया कराई.

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वीर सिंह

संदेह ना होने पर पाक ने भारतीय सेना को सौंपा

किसी तरह का संदेह नहीं होने पर पाकिस्तान सेना ने शनिवार को वीर सिंह को भारतीय सुरक्षा बलों को सौंपा. बीएसएफ के यूनिट कमाण्डेन्ट ने शनिवार शाम वीर सिंह को स्थानीय पुलिस को सुपुर्द किया. थाना प्रभारी सुनील कुमार खत्री ने वीर सिंह के बारे में जानकारी जुटाना शुरु किया तो पता चला कि वो खरगोन जिले में नलवट का रहने वाला है.

इसके बाद बेडिय़ा पुलिस से संपर्क किया गया. यहां शनिवार को वीर सिंह के भाई और पत्नी की वीडियो कॉल पर बातचीत कराई गई. पहचान होने के बाद वीर सिंह की वतन वापसी का रास्ता खुल गया.

गांव में मजदूरी करता है परिवार

नलवट के सरपंच देवी सिंह ने बताया कि वीर सिंह के पिता भीम सिंह का परिवार बेहद गरीब है. गांव में मजदूरी कर गुजर-बसर करता है. उसके परिवार में मां, भाई, पत्नी सोनूबाई और दो लड़कियां हैं. वीरसिंह के जाने के बाद सभी चिंतित थे. वहीं शनिवार को जब उसके सुरक्षित मिलने की खबर मिली, तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

 

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