पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर भोपाल में धरना दे रहे अतिथि विद्वानों के साथ उस वक्त बड़ा हादसा होने से टल गया, जब रात को गहरी नींद में सो रहे अतिथि विद्वानों के टेंट में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी. अतिथि विद्वान एक महीने से भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरना दे रहे हैं. इनमें से कई महिला अतिथि विद्वान अपने बच्चों के साथ यहां बने टेंट में रह रही हैं. ये लोग यहीं दिन भर धरना देते हैं और रात को खाने के बाद यहीं सोते हैं.
रोज की तरह कल रात भी अतिथि विद्वान टेंट में सो रहे थे, तभी आधी रात को किसी तेज गंध से एक अतिथि विद्वान की नींद खुल गई. उसने देखा कि टेंट के एक हिस्से में आग लगी हुई है और तेजी से फैल रही है. इसके बाद वहां सो रहे सभी अतिथि विद्वानों और उनके बच्चों को नींद से उठाकर तेजी से टेंट से बाहर लाया गया और टेंट में लगी आग को बुझाया गया, लेकिन तब तक आग ने एक तरफ के पर्दे को जला दिया था.
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तलैया थाने में एफआईआर दर्ज
घटना के वक्त करीब 150 अतिथि विद्वान और उनमें से कुछ के बच्चे टेंट के अंदर सो रहे थे और अगर वक्त रहते आग लगने की घटना का पता नहीं चलता तो बड़ा हादसा हो सकता था. घटना से अतिथि विद्वान बेहद डरे हुए हैं और उन लोगों ने सोमवार सुबह इसकी बकायदा तलैया थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. अतिथि विद्वानों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
अतिथि विद्वानों के टेंट में आग लगने की घटना पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'अकल्पनीय! पहले तो अतिथि विद्वानों की मांगें नहीं मानी जा रही और अब उन्हें जिंदा जलाने की साजिश! क्या शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर विरोध करना अपराध है? शासन-प्रशासन से मेरी मांग है कि इनकी सुरक्षा के उचित इंतजाम हों और दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए'.
अकल्पनीय!
पहले तो अतिथि विद्वानों की मांगें नहीं मानी जा रही और अब उन्हें ज़िंदा जलाने की साज़िश!
क्या शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर विरोध करना अपराध है?
शासन-प्रशासन से मेरी मांग है कि इनकी सुरक्षा के उचित इंतज़ाम हों और दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए। #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/IO8ON5Sa15
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 13, 2020
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी घटना को गंभीर मानते हुए कहा, 'सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर भोपाल में पिछले 35 दिनों से इस सर्द मौसम में धरने पर बैठे अतिथि विद्वान के पंडाल में आग लगा दी गई, ताकि इनकी आवाज को दबाया जा सके. प्रदेश में जायज मांगों ओर हक के लिए लड़ना भी अब शायद अपराध है. कमलनाथ जी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाएं.'