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पश्चिमी सिंहभूम में नक्सलियों ने किया IED ब्लास्ट, CRPF जवान घायल, जंगल में तलाशी अभियान तेज

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के घने सारंडा जंगल एक बार फिर नक्सली हिंसा से दहल उठे. शनिवार सुबह नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया. झारखंड-ओडिशा सीमा पर हुए इस हमले के बाद इलाके में हाई अलर्ट है और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.

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जंगल में चल रहा तलाशी अभियान. (Photo: Aajtak)
जंगल में चल रहा तलाशी अभियान. (Photo: Aajtak)

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने और दुर्गम सारंडा जंगल एक बार फिर नक्सली हिंसा की चपेट में आ गए हैं. शनिवार की सुबह नक्सलियों ने आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ब्लास्ट कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश की. यह विस्फोट उस समय हुआ, जब सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम नक्सल रोधी ऑपरेशन के तहत जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही थी.

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इस घटना में सीआरपीएफ की 134वीं बटालियन के जवान सत्यवान कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल जवान को फौरन प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए ओडिशा के राउरकेला स्थित अस्पताल में रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Encounter: सुकमा में नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान जारी, मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर, कोबरा कमांडो घायल

यह हमला झारखंड और ओडिशा की सीमा पर स्थित केबोलांग थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ है, जहां नक्सली गतिविधियां पिछले कुछ समय से तेज हो गई हैं. सूत्रों के अनुसार, हाल ही में नक्सलियों ने इसी इलाके से विस्फोटक सामग्री और सैन्य उपकरण लूटे थे, जिसके बाद से पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें तलाशी अभियान चला रही थीं.

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नक्सली लगातार सुरक्षा बलों की मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं और मौका पाकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं. शनिवार को हुए विस्फोट के बाद से पूरे इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. अतिरिक्त सुरक्षाबलों को मौके पर भेजा गया है और इलाके में सघन कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.

प्रशासनिक और खुफिया एजेंसियां इस घटना को नक्सलियों की सुनियोजित रणनीति मान रही हैं, जिसके तहत वे सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि किसी भी कीमत पर नक्सलियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. जंगलों में ड्रोन और ट्रैकिंग उपकरणों की मदद से सर्च ऑपरेशन और तेज किया गया है, ताकि नक्सलियों के मूवमेंट और ठिकानों का सटीक पता लगाया जा सके. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने की अपील की है.

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(जय कुमार तांती के इनपुट के साथ)
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