झारखंड के चाईबासा में शुक्रवार सुबह सीबीआई की टीम ने चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा आरपीएफ थाना में तैनात जवान मोहम्मद असरार को राउरकेला के बिसरा चौक के पास 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. आरोप है कि असरार एक महिला व्यापारी से पैसों की वसूली कर रहा था. गिरफ्तारी की यह कार्रवाई सुबह करीब 9:30 बजे बिरसा चौक स्थित एथलेटिक स्टेडियम के सामने की गई, जहां सीबीआई टीम ने सटीक सूचना पर जाल बिछाया था.
गवाहों के मुताबिक, कार्रवाई इतनी सटीक और तेज थी कि लोगों को पहले लगा मानो कोई फिल्मी सीन चल रहा हो. सीबीआई ने मौके से 15 हजार रुपये, दो मोबाइल फोन और सबूत के रूप में रासायनिक पाउडर लगे नोट बरामद किए. गिरफ्तार जवान असरार ने सीबीआई के सामने कबूल किया कि वह बंडामुंडा आरपीएफ थाना में तैनात एक अधिकारी के कहने पर व्यापारी से पैसे वसूलने गया था.
यह भी पढ़ें: झारखंड के चाईबासा में नक्सलियों का IED धमाका, कोबरा बटालियन के 2 जवान घायल
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई टीम असरार को राउरकेला कार्यालय ले गई और बाद में उसे भुवनेश्वर मुख्यालय भेज दिया. इसके बाद सीबीआई टीम ने बंडामुंडा आरपीएफ थाना और जवान के बैरक की तलाशी ली, जिसमें कई स्क्रैप और कोयला कारोबारियों के संपर्क नंबर और कॉल रिकॉर्ड मिले. जांच एजेंसी को संदेह है कि असरार लंबे समय से अवैध स्क्रैप वसूली और कोयला कारोबार से जुड़ा हुआ था.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, असरार बंडामुंडा क्षेत्र में गरीबों से भी अवैध वसूली करता था, यहां तक कि घर की मरम्मत कराने पर भी लोगों से हजारों रुपये मांगता था. इस बीच आरपीएफ इंस्पेक्टर अरुण कुमार टोकास के अचानक छुट्टी पर जाने से संदेह और गहराया है. स्थानीय लोगों ने टोकास पर भी कार्रवाई की मांग की है.
गौरतलब है कि पिछले पांच महीनों में चक्रधरपुर रेल मंडल में सीबीआई ने दो अन्य आरपीएफ जवानों और एक रेल कर्मी को रिश्वतखोरी के मामलों में गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी रेल मंडल में जारी भ्रष्टाचार के गहरे नेटवर्क की ओर इशारा करती है.