pahalgam latest news: भारत और पाकिस्तान ( India Pakistan) के बीच बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) और नियंत्रण रेखा (LoC) के पास बसे गांवों में लोग सतर्क हो गए हैं. लोग अपने-अपने बंकरों की सफाई कर रहे हैं और गेहूं की फसल जल्दी काट रहे हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति (युद्ध) में सुरक्षित रह सकें.
बंकरों की सफाई शुरू
आर एस पुरा सेक्टर के त्रेवा गांव के पूर्व सरपंच बलबीर कौर ने कहा, 'कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा. हमने अंडरग्राउंड बंकर तैयार करने का फैसला किया है, ताकि सीमा पार से गोलाबारी या गोलीबारी की स्थिति में हम खुद को बचा सकें.' पूर्व सरपंच ने कहा कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. सरकार ने पहले ही हजारों व्यक्तिगत और सामूहिक बंकर बनवाए थे, जिनकी अब सफाई की जा रही है.
यह भी पढ़ें: Pahalgam Update: कोई शादी में शामिल होने आया तो कोई रिश्तेदार से मिलने... पाकिस्तान लौट रहे लोग क्या बोले
भारत 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है
भारत, पाकिस्तान के साथ 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा जम्मू और कश्मीर में आती है. हालांकि 2021 के बाद से संघर्षविराम उल्लंघन कम हुए थे, लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद डर का माहौल बन गया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिससे देशभर में गुस्सा है.
साल 2020 में 5,000 से अधिक उल्लंघन
भारत और पाकिस्तान ने शुरू में 2003 में एक संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार इस समझौते का उल्लंघन किया और 2020 में 5,000 से अधिक उल्लंघन दर्ज किए गए जो एक वर्ष में सबसे अधिक है.
4,000 से अधिक बंकरों को मंजूरी
सीमा पर रहने वाले लोगों को पाकिस्तानी गोलाबारी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2017 में जम्मू, कठुआ और सांबा के पांच जिलों में 14,460 व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी थी. ये बंकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों और नियंत्रण रेखा पर पुंछ और राजौरी के गांवों को कवर करते हैं. बाद में सरकार ने संवेदनशील आबादी के लिए 4,000 से अधिक बंकरों को मंजूरी दी थी.
बंकर सफाई अभियान की निगरानी कर रहे कौर ने कहा कि वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं और सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारी सरकार सीमा पार बैठे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे. हम उन सभी लोगों का खात्मा चाहते हैं जिन्होंने निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की है.' बाहर खेतों से कटाई करने वाली मशीनों की आवाज़ें आ रही हैं. एक ग्रामीण सेवा राम ने बताया कि महिलाएं बंकरों की सफ़ाई में व्यस्त हैं, जबकि पुरुषों ने खड़ी गेहूं की फसल की कटाई कुछ दिन पहले ही करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'हम बिना हथियार वाले सैनिक हैं और दुश्मन का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.'
'हम अपने सैनिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं.'
अधिकारियों ने बताया कि सांबा और कठुआ जिलों तथा पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित गांवों से भी ऐसी ही खबरें मिली हैं. पुंछ में नियंत्रण रेखा के पास सलोत्री गांव के निवासी मोहम्मद फारूक ने कहा, 'स्थिति तनावपूर्ण है और हम पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हमेशा की तरह अपने सैनिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं.'
जम्मू क्षेत्र की सीमांए शांतिपूर्ण बनी हुई हैं, लेकिन गुरुवार से दो रातों तक कश्मीर घाटी में संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है. हालांकि, सीमा पार से हुई गोलीबारी में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों और उनके समर्थकों को सख्त चेतावनी दी है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी बॉर्डर को बंद करना. जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय उड़ानों पर रोक और व्यापार निलंबित कर दिया है.