सर्द हवाओं के आगमन से पहले ही कश्मीर घाटी में सुरक्षा माहौल और सख्त हो गया है. एलओसी (Line of Control) पर घुसपैठ की कोशिशों को देखते हुए बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने चौकसी बढ़ा दी है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि सीमा पार कई लॉन्च पैड्स पर आतंकियों का जमावड़ा है, जो घाटी में घुसपैठ की फिराक में हैं.
रविवार को उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आयोजित ‘वुलर 2.0 मैराथन’ के मौके पर बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सतीश एस. खंदारे ने कहा, “आमतौर पर सर्दियों से पहले आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं. इसीलिए हमने अपने जवानों और अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है और सीमा पर निगरानी और भी मजबूत की है.”
एडीजी खंदारे ने बताया कि खुफिया इनपुट्स के अनुसार, पड़ोसी देश ने सीमा पार कई लॉन्च पैड्स सक्रिय किए हैं, जहां से आतंकी घुसपैठ की तैयारी में हैं. उन्होंने कहा, “संख्या बताना मुश्किल है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ गतिविधियां सामने आई हैं. हम हर मोर्चे पर सतर्क हैं.”
सेना और बीएसएफ की संयुक्त सतर्कता
बीएसएफ अधिकारी ने साफ कहा कि सीमा पार से घुसपैठ का खतरा हमेशा बना रहता है, लेकिन भारतीय सेना और बीएसएफ पूरी तरह तैयार हैं. हम अपनी जिम्मेदारी पूरी तत्परता से निभा रहे हैं. कोई भी आतंकी कोशिश हमारे जवानों से नहीं बच सकती.
वुलर झील के किनारे आयोजित इस मैराथन में सैकड़ों युवाओं और महिलाओं ने हिस्सा लिया. दौड़ को तीन वर्गों 5 किमी, 10 किमी और 21 किमी में आयोजित किया गया. बीएसएफ अधिकारी ने बताया, “यह ‘वुलर मैराथन’ का दूसरा संस्करण है. पिछले साल भी हमने इसे आयोजित किया था. इसका मकसद सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से बेहतर संबंध बनाना और सुरक्षा बलों व नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ाना है.”
सर्दियों से पहले बढ़ी चुनौती
घाटी में सर्दियों के दौरान बर्फबारी के चलते कई मार्ग बंद हो जाते हैं, जिससे आतंकी गतिविधियों के लिए यह ‘आखिरी खिड़की’ साबित होती है. यही वजह है कि बीएसएफ ने इस समय सीमा पर अतिरिक्त पेट्रोलिंग, नाइट विजन डिवाइस और सर्विलांस ड्रोन की तैनाती बढ़ा दी है.