हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक शख्स ने अपनी 18 महीने की बेटी को नहर में फेंक दिया, उसके बाद लुधियाना गई पत्नी को फोन कर इसकी जानकारी दी. हालांकि वहां मौजूद एक कांवड़िए ने नहर में कूदकर बच्ची को बचा लिया. आरोपी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने सोमवार को कहा कि एक व्यक्ति को अपनी 18 महीने की बेटी को नहर में फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसे एक 'कांवड़िए' ने बचा लिया था. पुलिस के मुताबिक, पिहोवा के रहने वाले बलकार सिंह ने 12 जुलाई को अपनी बेटी को ज्योतिसर के पास नहर में फेंक दिया. बलकार के साथ उसके भाई कुलदीप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है.
कांवड़िए ने देखा कि शख्स बच्ची को नहर के सरस्वती फीडर में गिरा रहा है और बाइक से भाग रहा है. पुलिस ने कहा कि कांवड़िए ने नहर में छलांग लगा दी और बच्ची को बचा लिया. तीर्थयात्री ने उस बच्ची को रावगढ़ गांव में एक कांवड़िया केंद्र के प्रभारी को सौंप दिया, जिसके बाद उसे ज्योतिसर में पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने कहा कि फिलहाल बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
आरोपी ने पत्नी को भी धमकी दी
ज्योतिसर चौकी प्रभारी महिंदर सिंह ने सोमवार को बताया कि बलकार सिंह की दूसरी पत्नी से दो बेटियां हैं और वह दोनों को फेंक देना चाहता था. कथित तौर पर अपनी छोटी बेटी को नहर में फेंकने के बाद उसने अपनी पत्नी को फोन किया, जो लुधियाना गई थी और उसे बताया कि उसने क्या किया है. उसने कथित तौर पर उससे लोगों को यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को गोद लेने के लिए दे दिया है. साथ ही किसी को सच बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी.
दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया
पुलिस ने बताया कि आरोपी दोनों बेटियों को फेंकना चाहता था, लेकिन बड़ी बेटी रोने लगी और वह भाग गया. जब उसकी पत्नी वापस आई तो उसने अपने ससुर और अन्य रिश्तेदारों को इसके बारे में बताया, जिन्होंने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.