सूरत में पैसे दोगुने करने के लालच में एक युवक से 5 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. ट्रेन में हुई दोस्ती से शुरू हुई यह स्कीम होटल तक पहुंची, जहां तीन शातिर ठगों ने मिलकर युवक से नकदी हड़प ली और भाग निकले. महिधरपुरा पुलिस ने तेजी दिखाते हुए तीनों आरोपियों को फिल्मी अंदाज में चलती ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया और 4.97 लाख रुपये बरामद कर लिए.
जानकारी के अनुसार, सूरत के कड़ोदरा इलाके की ब्लूजिम पार्क सोसाइटी में रहने वाला 30 वर्षीय विकास यादव 29 अप्रैल को ट्रेन से बिहार जा रहा था. इस दौरान उसकी मुलाकात राजस्थान झालावाड़ के रहने 64 वर्षीय कंबुबेग उर्फ मांगीलाल उर्फ सुरेंद्र माली से हुई. दोनों ने फोन नंबर साझा किए. फिर कभी-कभार बात होने लगी.
कंबूबेग उर्फ मांगीलाल उर्फ सुरेंद्र माली ने विकास यादव को पैसे दोगुना करने की एक स्कीम बताई, जिसमें उसने 10 लाख रुपये इनवेस्ट करने की बात कही. विकास से पैसों का इंतजाम करने को कहा. इसके बाद 19 जून को विकास यादव, जो कि एक डाइंग मिल में सुपरवाइजर था, उसे 5 लाख रुपये लेकर महिधरपुरा पुलिस थाना इलाके में स्थित होटल स्काईलॉन में बुलाया. विकास यादव 3 लाख रुपये और उसका दोस्त लालू 2 लाख रुपये लेकर पहुंचे.
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होटल में कंबुबेग और शाहरुखबेग कालूबेग दो लोगों बीच होटल के कमरा नंबर 711 में मुलाकात हुई. इस मुलाकात में दोनों ने 5 लाख रुपये दोगुना करने पर 1 लाख रुपये कमीशन देने का वादा किया और पांच लाख ले लिए.
प्लान ने अनुसार, कबुबेग होटल के कमरे से बाहर गया और तीसरे आरोपी मोहम्मद सलीम मोहम्मद अकबर को बुलाने का इशारा किया. मोहम्मद सलीम उसी होटल के अगले कमरे में था. उन्होंने फोन को स्पीकर मोड पर रखा और कंबुबेग से बात की और कहा कि वह इसे दोगुना करने के लिए 30 लाख रुपये देने आ रहे हैं. यह सुनकर 5 लाख रुपये लेकर पहुंचे विकास यादव और लालू यादव को उसकी बात पर विश्वास हो गया और उन्होंने 5 लाख कैश दे दिए.
इसके बाद कंबुबेग और शाहरुख बेग 5 लाख रुपये लेकर विकास की बाइक पर सवार होकर 30 लाख रुपये लेने के लिए होटल से चले गए थे. हालांकि, जब वे दोनों वापस नहीं लौटे तो विकास यादव और लालू यादव ने उनकी तलाश की तो उन्हें सूरत रेलवे स्टेशन के पास से उनकी बाइक लावारिस हालत में मिली. इसके बाद दोनों ने तुरंत 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो पता चला कि तीन आरोपी थे.
होटल रिकॉर्ड और रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि तीनों आरोपी सूरत रेलवे स्टेशन से जयपुर सुपरफास्ट ट्रेन में सवार होकर राजस्थान की ओर गए. आरोपी वडोदरा के आसपास ट्रेन से यात्रा कर रहे थे, तभी महिधरपुरा थाना पुलिस ने सूरत रेलवे आरपीएफ के जरिए जब संपर्क किया तो पता चला कि ट्रेन का अगला स्टेशन दाहोद है और ट्रेन वहां दो मिनट रुकेगी.
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इसके बाद दाहोद आरपीएफ से संपर्क किया गया और आरोपियों की तस्वीरें और वीडियो भेजे गए. दाहोद आरपीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रेन रुकते ही शाहरुख बेग, कालूबेग और मोहम्मद सलीम मोहम्मद अकबर की पहचान कर ली. दाहोद रेलवे पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा था.
हालांकि, मुख्य आरोपी कम्बुबेग उर्फ मांगीलाल नहीं मिला. इसके बाद मध्य प्रदेश के रतलाम में टीटी से संपर्क किया गया, क्योंकि वह ट्रेन के अगले डिब्बे में पाया गया और ट्रेन दाहोद से रतलाम के लिए रवाना हो चुकी थी. पुलिस ने टीटी को आरोपी कंबू बैग की फोटो और वीडियो भेजी और जांच करने पर वह थर्ड एसी डिब्बे में मिला. इसके बाद रतलाम रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को सौंप दिया गया था.
तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके पास से 4.97 लाख रुपये कैश जब्त किए, जिसमें शिकायतकर्ता से लिए गए 5 लाख रुपये में से 4.90 लाख रुपये मुख्य आरोपी कंबूबेग से नकद बरामद किए गए हैं. महिधरपुरा पुलिस की गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी कंबुबेग उर्फ मांगीलाल उर्फ सुरेंद्र माली, शाहरुखबेग कालूबेग और मोहम्मद सलीम मोहम्मद अकबर तीनों ही झालावाड़ राजस्थान के रहने वाले हैं.