नई संसद में घुसपैठ मामले में बड़े और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चार आरोपियों पर आतंकवाद के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. अब पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने संसद में कलर स्प्रे लेकर घुसने की खास तैयारी की थी. आरोपियों को पता था कि संसद के अंदर कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं. स्केनिंग और मैनुअल तलाशी होती है. इसमें पकड़े जाने पर मुश्किलें बढ़ जाएंगी. ऐसे में उन्होंने खास प्लान बनाया और जूतों में कलर स्प्रे ले जाने का निर्णय किया.
बता दें कि 13 दिसंबर को संसद भवन पर हुए हमले की 22वीं बरसी थी. दोपहर एक बजे संसद में बीजेपी के सांसद खगेन मुर्मू चर्चा कर रहे थे, तभी विजिटर गैलरी यानी दर्शक दीर्घा से दो शख्स अचानक नीचे कूदे और हंगामा करने लगे. दोनों ने नारेबाजी की, फिर जूते में छिपाकर रखा गया कलर स्प्रे निकाला और हवा में उड़ा दिया. इससे सांसदों में डर फैल गया. हालांकि, बाद में दोनों आरोपियों को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया. ठीक उसी समय संसद के बाहर भी दो लोगों को हंगामा करते वक्त पकड़ा गया. इसमें एक महिला और एक युवक शामिल था.
'पूरे केस का मास्टरमाइंड निकला ललित मोहन झा'
इस पूरे घटनाक्रम में अब तक सात आरोपियों की संलिप्तता सामने आई है. ये आरोपी पांच अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं. सागर शर्मा (26 साल) उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है. मनोरंजन डी (34 साल) कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है. नीलम (37 साल) हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की रहने वाली है. अमोल शिंदे (25 साल) लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले हैं. इसके अलावा, हरियाणा के रहने वाले ललित झा को भी गुरुवार शाम गिरफ्तार किया गया है. राजस्थान के रहने वाले महेश की भूमिका भी सामने आई है. महेश पुलिस की हिरासत में है. पुलिस का कहना है कि ललित झा इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है.
'लखनऊ में बनवाए थे स्पेशल जूते'
पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पता था कि साधारण जूतों में कलर स्प्रे ले जाना संभव नहीं है. ऐसे में उन्होंने लखनऊ में स्पेशल जूते बनवाने का प्लान बनाया. वहां उन्होंने स्पेशल जूते बनवाए और 13 दिसंबर को वही पहनकर संसद पहुंचे थे. जूते में ही कलर स्प्रे छिपाया और सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर अंदर पहुंच गए. उसके बाद जब सागर और मनोरंजन संसद की वेल में कूदे और हंगामा करने लगे तो सांसदों ने घेराबंदी कर दी और पकड़ने की कोशिश करने लगे. इसी बीच, आरोपियों ने अपने जूते खोले और तुरंत कलर स्प्रे हवा में उड़ा दिया. चारों तरफ रंग दिखाई दे रहा था. सांसद भी घबरा गए थे. बाद में आरोपियों को पकड़ा और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया गया.
'मददगारों के इरादे का पता किया जा रहा'
पुलिस का कहना है कि आरोपियों के पूरे प्लान के बारे में पता किया जा रहा है. इस पूरे कांड में अन्य आरोपियों की संलिप्तता का भी पता किया जा रहा है. इनके मददगारों और इरादे के बारे में भी पूछताछ में स्पष्ट हो पाएगा. पुलिस ने सुरक्षा उल्लंघन का जिक्र किया और कहा, दोनों आरोपी सांसद की तरफ से पास लेकर विजिटर गैलरी में पहुंचे थे. लोकसभा की हैंडबुक के मुताबिक, दोनों को सिर्फ विजिटर गैलरी तक ही रहना था. लेकिन, वो अचानक गैलरी से वेल में कूद गए, यह नियमों के खिलाफ था. आरोपियों ने अपने जूतों में कलर स्प्रे छिपाया था.
'जांच के लिए मुंबई, मैसूर और लखनऊ जाएगी पुलिस'
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों ने स्पेशल जूते लखनऊ में बनवाए गए थे, इसकी जांच की जानी चाहिए. आरोपियों को जांच के लिए मुंबई, मैसूर और लखनऊ ले जाने की जरूरत है. जिस दुकान से उन्होंने कलर स्प्रे और जूते खरीदे थे, उसके बारे में पता करने की जरूरत है. आरोपियों के मकसद का पता करेंगे.
'आरोपियों को सात दिन की कस्टडी में भेजा गया'
पुलिस ने यह भी बताया कि चार आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम और अमोल को कोर्ट ने सात दिन की कस्टडी में दिया है. इन चारों आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत एफआईआर दर्ज की है. वहीं, कोर्ट ने आरोपियों के लिए कानूनी मदद के लिए वकील नियुक्त किया है. आरोपियों का कहना था कि उनके पास उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं है.
'आरोपियों पर इन धाराओं में एफआईआर'
पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में चारों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य के लिए सजा) और 18 (साजिश आदि के लिए सजा) और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (जानबूझकर उकसाना या उकसाने का इरादा), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को रोकना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल लगाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
ऐसे पकड़ में आया मास्टरमाइंड ललित मोहन झा
घटना के मुख्य आरोपी ललित मोहन झा को गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया. एक अधिकारी ने बताया, ललित झा दिल्ली में कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन आया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसे स्पेशल सेल को सौंपा गया है. घटना की जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि 13 दिसंबर को ही सागर, मनोरंजन, अमोल और नीलम को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि उनके साथी विशाल को गुरुग्राम से पकड़ा गया था.
'लगातार अपडेट ले रहा था ललित'
ललित झा ने नहीं सोचा था कि वो इतनी बुरी तरह से वो घिर जाएगा. जब उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही थी तो वो घबरा गया और उसने अपने कुछ दोस्तो से पूछा था कि क्या करना चाहिए, जिसके बाद वो राजस्थान से दिल्ली वापस पहुंच गया. सूत्रों के मुताबिक ललित झा लगातार न्यूज के जरिए अपडेट ले रहा था और पुलिस कहां-कहां जा रही है, उसे इसकी पूरी जानकारी थी.
'पुलिस को बयान पर आशंका...'
पुलिस को इस बात का शक है कि ललित जांच में बाधा पहुंचाने के लिए झूठ भी बोल सकता है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने महेश के चचेरे भाई को डिटेन कर लिया था. उससे दिल्ली पुलिस को पता चला कि महेश और ललित सरेंडर करने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. पुलिस की कोशिश है कि किसी भी हालत में जो फोन हैं, वो बरामद हो सकें. स्पेशल सेल की टीम शुक्रवार को इन दोनों महेश और ललित को कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस इन दोनों का रिमांड भी मांगेगी. चार आरोपी पहले से ही सात दिन की रिमांड पर हैं.