कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ्तार के बीच नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली प्रशासन का एक फरमान काफी चर्चा में था. इस फरमान में कहा गया था कि नॉर्थ-वेस्ट जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने वाले हर शख्स का कोरोना टेस्ट किया जाएगा. जिले के आरडब्लूए ने इस पर आपत्ति जताई थी. विरोध के बाद अब इस फैसले को नॉर्थ वेस्ट जिले ने वापस ले लिया है.
फैसला वापस लेने से पहले आरडब्लूए ने कहा था कि इस आदेश का असर कोविड और अन्य टीकाकरण अभियान पर पड़ेगा, ऐसे आदेश से टीकाकरण के लिए आने वाले लोगों में घबराहट फैलनी लाजमी है, पिछले दो दिनों से हमें जानकारी मिल रही है कि टीकाकरण केंद्रों पर टेस्ट कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है, अधिकारी कह रहे हैं कि हमें ऊपर से बोला गया है.
आरडब्लूए ने कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए दबाव बनाने के कारण बहुत से लोग बिना टीका लगवाए वापस आ गए, लोगों को डर था कि कहीं टेस्ट कराते वक्त वो किसी संक्रमित के संपर्क में आकर उनको ही कोरोना ना हो जाए और यह सोच जायज भी थी, हम आपसे इस आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं.
आरडब्लूए ने सुझाव देते हुए कहा कि इस आदेश में टीकाकरण कराने आए व्यक्ति को जागरूक कर उसकी मर्जी से टेस्ट कराने की कोशिश की जाए, न की इसे जबरदस्ती थोपा जाए, अन्यथा इसका सीधा प्रभाव कोविड टीकाकरण पर देखा जाएगा और लोग सरकारी टीकाकरण केंद्र पर जाने से कतराने लगेंगे.
आपको बता दें कि दिल्ली में हर रोज कोरोना के नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे के अंदर साढ़े पांच हज़ार से अधिक केस दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल के पीक की याद दिलाते हैं. लगातार बढ़ते आंकड़ों के साथ ही देश में कुल केस की संख्या 1.26 करोड़ के पार चली गई है.