Delhi earthquake prone: दिल्ली-एनसीआर में शनिवार-रविवार की रात को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फ़ॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, रात करीब 1 बजकर 23 मिनट पर धरती हिली थी और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.3 मापी गई. 5 किलोमीटर गहराई में भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व दिल्ली रहा.
राजधानी दिल्ली में भूकंप का केंद्र होने से दिल्लीवासियों की नींद उड़ा दी. हाल फिलहाल में दिल्ली में भूकंप के कई झटके महसूस किए जा रहे हैं जो कि भविष्य के लिए बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है.
फरवरी 17, 2025 को दिल्ली में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 रही. भूकंप का एपिसेंटर भी दिल्ली था. भूकंप का केंद्र धौलाकुआं के पास दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज के नजदीक था, जो जमीन की सतह से करीब 5 किलोमीटर की गहराई में था.
इस भूकंप के झटके को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद तक महसूस किए गए थे.
भारत के भीतर दिल्ली को भूकंप की जोन IV में रखा गया है, जो दूसरी सबसे अधिक जोखिम वाली श्रेणी है. इसकी मुख्य वजह हिमालयी क्षेत्र के टकराव क्षेत्र से सिर्फ लगभग 250 किलोमीटर की दूरी है.
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सिस्मिक जोन IV उच्च जोखिम वाला क्षेत्र होता है. ऐसे क्षेत्रों में भूकंप आने का खतरा बहुत अधिक होता है. इस ज़ोन में 5.5 से 7.0 तीव्रता तक के भूकंप आ सकते हैं. जिससे जान-माल का भारी नुकसान भी हो सकता है.
बता दें कि कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो एक्टिविटी कहा जाता है. ये संकेत देते हैं कि आने वाले समय में अधिक तीव्रता वाली भूकंप आ सकती है.
स्थानीय फॉल्ट लाइन्स भी भूकंप के खतरे को बढ़ाती है. दिल्ली के आसपास कई स्थानीय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं. जैसे - सोहना फॉल्ट, मोरादाबाद फॉल्ट और दिल्ली-मुजफ्फरनगर फॉल्ट.
यह भूकंप हमें फिर से याद दिलाता है कि राजधानी क्षेत्र में भूकंपीय सुरक्षा और उचित तैयारियों का होना कितना आवश्यक है.