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गाय-ऊंट की कुर्बानी पर पाबंदी, सार्वजनिक जगहों पर भी प्रतिबंध... बकरीद पर दिल्ली सरकार की सख्त एडवाइजरी

दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि सरकार पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और बकरीद के दौरान किसी भी तरह की अवैध कुर्बानी या पशु क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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बकरीद को लेकर दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी की है (फाइल फोटोः पीटीआई)
बकरीद को लेकर दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी की है (फाइल फोटोः पीटीआई)

दिल्ली सरकार ने आगामी बकरीद (7 जून) के मद्देनज़र एक सख्त एडवाइजरी जारी की है, जिसके तहत गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा, सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़क, गली या किसी खुली जगह पर कुर्बानी करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. 

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सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुर्बानी केवल अधिकृत और तयशुदा स्थानों पर ही की जा सकती है. इस दिशा-निर्देश के तहत सोशल मीडिया पर कुर्बानी के फोटो या वीडियो पोस्ट करना भी पूरी तरह वर्जित रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की भड़काऊ या भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री प्रसारित न हो.

दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि सरकार पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और बकरीद के दौरान किसी भी तरह की अवैध कुर्बानी या पशु क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह एडवाइजरी पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, पशु परिवहन नियम 1978, वधगृह नियम 2001 और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 जैसे मौजूदा कानूनों के तहत तैयार की गई है.

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एडवाइजरी में विशेष रूप से बताया गया है कि ऊंट को खाद्य पशु नहीं माना जाता, इसलिए उसका वध गैरकानूनी है. वहीं दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधिनियम, 1994 के अनुसार दिल्ली में गाय की हत्या पर पहले से ही पूर्ण प्रतिबंध है.

इस एडवाइजरी की प्रति जिलाधिकारियों (DM), पुलिस उपायुक्तों (DCP), नगर निगम आयुक्त (MCD) और अन्य संबंधित विभागों को भेजी गई है, ताकि बकरीद के दौरान कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके. 

सरकार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पूरी तरह पालन करें और यदि कहीं पर नियमों का उल्लंघन होता दिखे, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें. सरकार ने ये कदम धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और पशु कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है.

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